नई दिल्ली: संयुक्त राज्य में इंफोसिस अपनी भर्ती प्रक्रिया में कथित भेदभाव के लिए मुकदमे का सामना कर रही है। इस बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, इंफोसिस कंपनी की ओर से एचआर एग्जिक्यूटिव जिल प्रेजीन को आदेश दिया था कि भारतीय मूल के लोगों और बच्चों वाली महिलाओं को नौकरी पर रखने से बचें।
अभी पढ़ें से – PM Kisan 12th Installment: आपके खाते में पीएम किसान योजना की 12वीं किस्त आएगी या नहीं ऐसे जानें
प्रेजीन ने दावा किया कि नौकरी उसे इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उसने भर्ती प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी, जिसमें कुछ उम्मीदवारों के साथ भेदभाव किया गया था। उसने दावा किया कि उसे बच्चों वाली महिलाओं, भारतीय मूल के उम्मीदवारों और 50 या उससे अधिक उम्र के उम्मीदवारों को काम पर रखने से बचने के लिए कहा गया था।
प्रेजीन ने कहा कि उसने अपनी नौकरी के पहले दो महीनों के भीतर इस संस्कृति को बदलने की कोशिश की। हालांकि, इस दौरान उन्हें इन्फोसिस के भागीदारों जेरी कर्ट्ज़ और डैन अलब्राइट से विरोध का सामना करना पड़ा।
जिल प्रेजीन ने ये बातें संयुक्त राज्य अमेरिका की जिला अदालत को बताईं। प्रेजीन ने पिछले साल सितंबर में कंपनी, कंपनी के पूर्व अधिकारियों और भागीदारों के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। इसके बाद कंपनी ने शिकायतकर्ता की ओर से दायर मुकदमा को खारिज करने के लिए एक प्रस्ताव दायर किया था जिसे खारिज कर दिया गया।
अभी पढ़ें – Stock Market Opening: शेयर बाजार में हाहाकार, Sensex 750 तो Nifty भी 200 अंकों से ज्यादा लुढ़का
इंफोसिस ने इस आधार पर मुकदमें को खारिज करने की मांग की कि प्रेजीन ने आरोपों के लिए सबूत जमा नहीं किए। उधर, कंपनी की अपील को खारिज करते हुए कोर्ट ने कंपनी से 21 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
अभी पढ़ें – बिजनेस से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें