Indian-origin Australian senator Varun Ghosh took oath on Bhagavad Gita: भगवद्गीता और उसमें दिए गए ज्ञान का दुनियाभर में सम्मान है। गीता का महत्व इतना अधिक है कि यह दुनियाभर में पढ़ी जाती है। दुनिया में शायद ही कोई ऐसी जगह हो जहां गीता का असर न हो। इससे लाखों लोगों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन आ चुका है और आध्यात्म रास्ते पर जाने में सफलता मिली है। गीता धर्म और अध्यात्म समझाने वाली अनमोल किताब है। भारतीय मूल के पहले ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर वरुण घोष ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की संसद में भगवदगीता पर हाथ रखकर शपथ ली है। वे भारत में पैदा होने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर हैं, जिनका भारत से गहरा नाता है।
वरुण घोष पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं, जिन्हें सीनेटर चुना गया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने भी उन्हें सीनेटर चुने जाने पर बधाई दी। एंथनी ने कहा कि वे पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की एक महान आवाज बनेंगे। साथ ही उन्होंने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने पर खुशी जताई है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से हमारे नए सीनेटर वरुण घोष का स्वागत है। आपका टीम में होना बहुत अच्छा है।
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कौन हैं वरुण घोष
वरुण घोष का जन्म 1985 में हुआ था। जब वे 17 साल के थे तभी उनके माता पिता उन्हें लेकर ऑस्ट्रेलिया चले गए थे। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में वे पेशे से वकील हैं। उनकी पढ़ाई पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय से हुई है। उन्होंने कला और कानून की डिग्री हासिल की है। उन्होंने औद्योगिक संबंधों और रोजगार कानून के क्षेत्र में भी काम किया है। उनके माता और पिता दोनों डॉक्टर हैं। वरुण 17 साल की उम्र में पर्थ में लेबर पार्टी में शामिल हुए थे। वे गिल्ड काउंसिल में अध्यक्ष और गिल्ड सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। वे अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक के लिए सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं।
Welcome Varun Ghosh, our newest Senator from Western Australia.
Fantastic to have you on the team. pic.twitter.com/TSnVoSK3HO
— Anthony Albanese (@AlboMP) February 5, 2024
मंत्री ने क्या कहा
ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों के मंत्री पेनी वोंग ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर वरुण घोष को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया से हमारे नए सीनेटर वरुण घोष का स्वागत है। सीनेटर घोष भगवद गीता पर शपथ लेने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर हैं। मैंने अक्सर कहा है जब आप किसी चीज में प्रथम होते हैं तो आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि आप अंतिम न हों।
Welcome to Varun Ghosh, our newest Senator from Western Australia.
Senator Ghosh is the first ever Australian Senator sworn in on the Bhagavad Gita.
I have often said, when you're the first at something, you've got to make sure you're not the last. pic.twitter.com/kTLUZsx0iX
— Senator Penny Wong (@SenatorWong) February 6, 2024
गीता पढ़ने के फायदे
बता दें कि गीता में जीवन से जुड़ी सभी मूलभूत समस्याओं का जवाब है। अलौकिक ज्ञान से भरी यह किताब अंधेरे से प्रकाश की तरफ ले जानी वाली है। भारत ही नहीं दुनियाभर में लोग इसे पढ़ते और इसपर चर्चा करते हैं। भगवदगीता पढ़ने से हम जीवन की सच्चाई से परिचित होते हैं। इसे पढ़ने से हम भौतिकवाद से दूर होते हैं और जीवन के प्रति एक अलग नजरिया विकसित होता है। यह चरित्र निर्माण में भी मदद करती है। जीवन के सभी प्रश्नों का उत्तर गीता में खोजा जा सकता है। भगवद्गीता सिर्फ एक पुस्तक नहीं बल्कि अलौकिक ग्रंथ और ज्ञान का सागर है।
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