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ईरान को ऑस्ट्रेलिया का झटका, राजनयिक संबंध तोड़े और ईरानी राजदूत को किया निष्कासित

Iran-Australia Diplomatic Relations: इजरायल के साथ संग और अमेरिका से बिगड़ने रिश्तों का खामियाजा ईरान को भुगतना पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया ने ईरान से राजनयिक संबंध तोड़ दिए हैं। साथ ही ईरान के राजदूत को भी निष्कासित करके देश छोड़ने के लिए कह दिया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 26, 2025 09:54
Iran vs Australia | Diplomatic Relations | Anthony Albanese
ईरान और ऑस्ट्रेलिया के संबंध अमेरिका-इजरायल से तनाव के चलते बिगड़े हैं।

Iran-Australia Diplomatic Relations: इजरायल और अमेरिका से बिगड़े संबंधों के बीच ईरान को बड़ा झटका लगा है। ऑस्टेलिया ने ईरान से अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं। ईरान के राजदूत को भी देश से निकाल दिया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड को आतंकी संगठन घोषित करने का ऐलान भी किया है। बता दें कि ऑस्ट्रेलिया का दूतावास ईरान की राजधानी तेहरान में है और ईरान का दूतावास कैनबरा में है।

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया पिछले दिनों इजरायल की जंग के चलते अमेरिका से ईरान के संबंधों में आए तनाव ने ऑस्ट्रेलिया और ईरान के संबंधों को जटिल बना दिया था। दोनों देशों के संबंधों में तनाव आने के अन्य प्रमुख कारण ईरान का न्यूक्लियर प्रोग्राम, मानवाधिकारों के उल्लंघन पर ऑस्ट्रेलिया की आलोचना, इजरायल के साथ ऑस्ट्रेलिया के मजबूत संबंध भी हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया ने ईरान के खिलाफ कुछ प्रतिबंध भी लगाए हुए हैं, जो अब और ज्यादा कड़े हो सकते हैं।

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ईरान और ऑस्ट्रेलिया के राजनयिक संबंध

बता दें कि ईरान और ऑस्ट्रेलिया में राजनयिक संबंध 1968 में स्थापित हुए थे, जिनमें उतार-चढ़ाव शुरू से रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने ईरान की राजधानी तेहरान में साल 1968 में अपना दूता वास स्थापित किया था। ईरान ने ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में सितंबर 1971 में अपना दूतावास खोला था। दूतावास खुलने के बाद दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की औपचारिक शुरुआत हुई थी।

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शुरुआत में साल 1979 तक दोनों देशों के संबंधी व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान तक सीमित थे। अन्य पश्चिमी देशों की तरह ऑस्ट्रेलिया ने ईरान के साथ तटस्थ और मैत्रीपूर्ण संबंध रखे, लेकिन ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान के अमेरिका से संबंधों में तनाव आया तो ऑस्ट्रेलिया से संबंधों में भी उतार-चढ़ाव आया और ताजा विवादों ने संबंधों को और बिगाड़ दिया।

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ईरान-ऑस्ट्रेलिया संबंधों में तनाव के कारण

ऑस्ट्रेलिया भी इजरायल और अन्य पश्चिमी देशों की तरह ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ है। ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ मिलकर ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उस पर लगे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का समर्थन किया है। ऑस्ट्रेलिया ने भी ईरान पर लगाए अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को लागू किया, जिसे ईरान ने अपने अधिकारों का उल्लंघन माना, इससे दोनों देशों में तनाव बढ़ा।

मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा-आरोप

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने ईरान पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। महिलाओं और अल्पसंख्यकों का दमन और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की कड़ी निंदा भी ऑस्ट्रेलिया ने की है। साल 2022 में महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन हुए थे। ऑस्ट्रेलिया ने इन प्रदर्शनों पर कड़ा रुख अपनाते हुए ईरान के अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था। ईरान ने निंदा और प्रतिबंधों को देश के आंतरिक मामलों में दखल माना, जिससे ऑस्ट्रेलिया से संबंध बिगड़े।

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ऑस्ट्रेलिया और इजरायल के मजबूत संबंध

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया और इजरायल के संबंध काफी मजबूत है। दोनों के बीच राजनयिक संबंध होने के साथ-साथ रक्षा संबंध भी हैं। इसलिए साल 2025 में जब इजरायल के साथ ईरान का युद्ध हुआ तो ऑस्ट्रेलिया ने इजरायल का समर्थन किया और ईरान से अपने नागरिकों को निष्कासित किया। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने संवाद और कूटनीति अपनाने की नसीहत ईरान को दी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया का इजरायल को समर्थन ईरान को पसंद नहीं आया।

सहयोगी दल और क्वाड संगठन का विरोध

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया पश्चिमी देशों का सबसे अहम सहयोगी है। ऑस्ट्रेलिया, यूके, अमेरिका (AUKUS) संगठन और ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, अमेरिका (QUAD) गठबंधन का हिस्सा है। यह दोनों संगठन हिंद और प्रशांत महाद्वीप में चीन और ईरान के पड़ने वाले प्रभाव को संतुलित करने के लिए गठित किए गए है। ईरान इन दोनों संगठनों का विरोधी है।

First published on: Aug 26, 2025 09:22 AM

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