अफगानिस्तान: कट्टरपंथी इस्लामिक समूह द्वारा सार्वजनिक रूप से कोड़े मारने और अफगान आबादी को मौत की सजा दिए जाने की रिपोर्ट सामने आने के बाद अमेरिका ने तालिबान को चेताया है। बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, “यह हमें इंगित करता है कि तालिबान 1990 के दशक के अपने प्रतिगामी और अपमानजनक प्रथाओं की वापसी चाहता है।”
"Return to abusive practices of 1990s": US slams public execution in Afghanistan
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— ANI Digital (@ani_digital) December 8, 2022
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विदेश विभाग के प्रवक्ता ने आगे कहा , “हमने रिपोर्ट देखी है कि तालिबान ने न्यायाधीशों को शरिया कानून की अपनी व्याख्या लागू करने का आदेश दिया है। इसमें सार्वजनिक रूप से फांसी देना। इसमें सार्वजनिक रूप से कोड़े मारना शामिल है। उन्होंने कहा-हमने आज एक सार्वजनिक फांसी की रिपोर्ट देखी है। यह सभी अफगानों की गरिमा और मानवाधिकारों का अपमान है। उन्होंने कहा, “तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जे के दौरान की घोषणों की यह स्पष्ट विफलता है।”
2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा किया था
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका अफगानिस्तान के लोगों के साथ तालिबान के व्यवहार पर करीब से नजर रख रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ तालिबान के संबंध पूरी तरह से उनके कार्यों पर निर्भर करते हैं। बता दें तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर क़ब्जा कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिर तालिबान ने वहां बुनियादी अधिकारों को गंभीर रूप से प्रतिबंधित करने वाली नीतियां लागू कीं हैं। तालिबान ने ख़ासकर महिलाओं और लड़कियों को तालिबान ने व्यापक सेंसरशिप लागू की है। पत्रकारों को हिरासत में लिया है और पीटा है।
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1990 में यह होता था
गौरतलब है कि बुधवार को तालिबान के अधिकारियों ने एक व्यक्ति की हत्या के दोषी अफगान व्यक्ति को फांसी दी थी। इससे पहले साल 1990 के दशक के अंत में तालिबान शासकों अदालतों में अपराधों के दोषी लोगों को सार्वजनिक रूप से फांसी, कोड़े मारने और पत्थर मारने का काम किया था। 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जे और अमेरिका और नाटो बलों के देश से बाहर होने के अंतिम हफ्तों में तालिबान ने शुरू में अधिक उदार होने और महिलाओं और अल्पसंख्यक अधिकारों की अनुमति देने का वादा किया था।
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