African Penguin Critically Endangered List: अफ्रीकी पेंगुइन के लिए चिंताजनक बात सामने आई है। काले और सफेद पंखों के लिए पहचानी जाने वाली इस खूबसूरत प्रजाति को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की ओर से गंभीर रूप से संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में रिक्लासीफाइ किया गया है। इस रिक्लासिफिकेशन के बाद ये प्रजाति जंगल में विलुप्त होने से बस एक कदम दूर है। इस तरह यह दुनिया की 18 पेंगुइन प्रजातियों में से पहली ऐसी प्रजाति बन गई है, जो गंभीर स्थिति तक पहुंच गई है। इस प्रजाति को बचाने के लिए कई संगठन भी सामने आए हैं। जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका की सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कार्रवाई करने की अपील की है।
क्या है समस्या?
बताया जाता है कि अफ्रीकी पेंगुइन के अस्तित्व के लिए सबसे बड़ी समस्या और खतरा भोजन की कमी है। ये समस्या क्लाइमेट चेंज और ब्रीडिंग कॉलोनियों के पास कमर्शियल फिशिंग की वजह से और बढ़ गई है। इससे इस प्रजाति पर लगातार खतरा बढ़ रहा है।
We’ve pushed the African penguin to the brink of extinction – literally.
For reference, this is the @IUCN Red List chart. pic.twitter.com/2UI9YA1Bcg
---विज्ञापन---— Lewis Pugh (@LewisPugh) October 29, 2024
जबकि नो-टेक जोन के कुछ क्षेत्रों में कमर्शियल फिशिंग पर बैन है, लेकिन कुछ रिसर्च में ये भी सामने आया है कि पेंगुइन के संरक्षण के लिए ये उपाय काफी नहीं हैं। आंकड़ों के अनुसार, अफ्रीकी पेंगुइन की ग्लोबल पॉपुलेशन लगभग 14,700 पेयर होने का अनुमान है, जिनमें से लगभग 10,400 पेयर दक्षिण अफ्रीका और 4,300 पेयर नामीबिया में हैं।
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स्थानीय अर्थव्यवस्था को पहुंच सकता है नुकसान
बर्डलाइफ साउथ अफ्रीका के डॉ. एलिस्टेयर मैकइनेस और एक्सेटर यूनिवर्सिटी के डॉ. रिचर्ड शेरली सहित कई वैज्ञानिकों ने फिशिंग को प्रभावित किए बिना इन क्षेत्रों का विस्तार करने की सलाह दी है। पेंगुइन की इस दुर्दशा से न सिर्फ जैव विविधता को खतरा है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचने की भी संभावना बढ़ गई है। अंतरार्ष्ट्रीय संस्थाओं का कहना है कि इस वैश्विक पहल का उद्देश्य अफ्रीकी पेंगुइन के भविष्य की सुरक्षा के लिए जरूरी सुधार करने के लिए सरकारों पर दबाव डालना है।