बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। इसे लेकर तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान इफ्तार पार्टी के जरिए मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश में लगे हैं। हालांकि दूसरी तरफ वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर देश के मुस्लिम समुदाय में नाराजगी देखी जा सकती है। अब सवाल यह है कि वक्फ बोर्ड बिल की नाराजगी बिहार चुनाव में NDA पर कितनी भारी पड़ सकती है?
JPC ने सौंपी थी रिपोर्ट
न्यूज 24 के वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन के अनुसार देश के मुस्लिम समुदायों के लिए वक्फ बिल एक अहम मुद्दा है। जब यह पेश किया गया तभी मुस्लिम संगठनों ने इस पर ऐतराज जताया था। सारे दलों की सहमति के आधार पर सरकार ने इसे JPC को भेजने का फैसला किया। सभी से बातचीत करने के बाद 13 फरवरी को इस बिल को पेश किया गया।
JDU का समर्थन जरूरी
राजीव रंजन के अनुसार JPC ने दावा किया है कि सभी की राय को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की गई। मगर मुस्लिम संगठनों का कहना है कि उनकी 44 मांगों को नजरअंदाज कर दिया गया है। बिहार की बात करें तो JDU के समर्थन के बिना केंद्र सरकार के लिए यह बिल पास करवाना मुश्किल हो सकता है। हालांकि इसका सीधा असर बिहार के चुनाव पर पड़ सकता है। पूरा विश्लेषण देखें इस वीडियो में…