---विज्ञापन---

हम 1975 में नहीं 2024 में हैं… इंदिरा और मोदी की ‘इमरजेंसी’ पर क्या बोलीं सागरिका घोष? देखें Video

Indira Gandhi And Narendra Modi: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष पहले पत्रकारिता जगत में थीं। उन्होंने भारतीय राजनीति पर कई किताबें भी लिखी हैं। बुधवार को न्यूज24 के खास प्रोग्राम चाय वाला इंटरव्यू में उन्होंने इंदिरा गांधी और नरेंद्र मोदी में अंतर पर बात की और इंदिरा की इमरजेंसी और मोदी की अघोषित इमरजेंसी पर भी अपने विचार रखे।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Jul 31, 2024 20:57
Share :
Sagarika Ghosh (ANI)

Sagarika Ghosh On Emergency : पत्रकारिता की दुनिया से राजनीति में आईं सागरिका घोष बुधवार को न्यूज24 के खास प्रोग्राम चाय वाला इंटरव्यू में आईं। इस दौरान उन्होंने अपने करियर में बदलाव से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की इमरजेंसी के बारे में भी बात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘अघोषित इमरजेंसी’ पर भी सवाल उठाए। देखिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू का वीडियो।

‘इंदिरा ने इमरजेंसी लगाई और जनता ने सजा दी’

इंदिरा गांधी की ओर से लगाई गई इमरजेंसी पर घोष ने कहा कि इंदिरा ने इमरजेंसी लगाई, उन्होंने चुनाव आयोजित कराया, वह चुनाव हार गईं और वह अपना बोरिया-बिस्तर बांध कर चली गईं। उन्होंने 21 महीनों के लिए इमरजेंसी लगाई थी और जनता ने उन्हें इसकी सजा दी। अगर इंदिरा गांधी तानाशाह होतीं तो चुनाव क्यों बुलातीं।

---विज्ञापन---

सागरिका घोष ने आगे कहा कि उस समय कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने उन्हें चुनाव आयोजित न कराने की सलाह भी दी थी और कहा था कि अब आप ही आजीवन प्रधानमंत्री रहो। लेकिन इंदिरा ने ऐसा नहीं किआ। उन्होंने चुनाव कराया, चुनाव हारीं, जनता ने सजा दी और फिर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार पिछले 10 साल से अघोषित इमरजेंसी चला रही है। अगर आप इमरजेंसी का विरोध करते हैं, 1975 की इमरजेंसी के खिलाफ हैं तो आप खुद इमरजेंसी लागू क्यों कर रहे हैं। आपके अंदर इमरजेंसी का माइंडसेट है।

हमें आज के हिसाब से चलना है बीते समय के नहीं

इस सवाल पर कि राज्य सरकारों को आर्टिकल 356 का इस्तेमाल कर सबसे ज्यादा किसने बर्खास्त किया घोष ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ऐसा एक बार किया था। और अगर इंदिरा गांधी इतनी बुरी थीं, इमरजेंसी इतनी खराब थी तो आप भी वैसा ही क्यों कर रहे हैं? अब 1975 नहीं है अब हम 2024 में है। हमें ये देखना चाहिए कि लोकतंत्र आज कैसे चलेगा, आने वाले समय में कैसा चलेगा।

---विज्ञापन---
HISTORY

Edited By

Gaurav Pandey

First published on: Jul 31, 2024 08:57 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें