Video: असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने 1983 के नेली नरसंहार पर बनी जस्टिस त्रिभुवन प्रसाद तिवारी आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने का फैसला लिया गया है. यह वहीं 550 पन्नों की रिपोर्ट है, जो 1984 में तत्कालीन हितेश्वर सैकिया सरकार को सौंपी गई थी, लेकिन चार दशकों तक कभी सार्वजनिक नहीं हुई थी.
क्या हुआ था नेली में?
18 फरवरी 1983 को मध्य असम के नगांव (अब मोरीगांव) जिले के नेली और आसपास के 14 गांवों में कुछ ही घंटों में भीषण हिंसा भड़क गई थी. हजारों की संख्या में हथियारबंद भीड़ ने बंगाली मूल के मुस्लिम गांवों को चारों ओर से घेरकर हमला कर दिया. घरों में आग लगा दी गई और भागते लोगों को बेरहमी से मार दिया गया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस हिंसा में 2191 लोग मारे गए थे, जबकि कुछ सूत्र इसे 3000 से अधिक मौतों वाला नरसंहार मानते हैं. पूरी रिपोर्ट जानने के लिए देखें न्यूज 24 का यह वीडियो…
ये भी पढ़ें- Bihar Election 2025: इस सीट पर आमने-सामने हैं दो सगे भाई, तेजस्वी यादव बोले- ‘चुन्नू-मुन्नू’ की लड़ाई से आगे बढ़े









