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Video: 42 साल बाद नेली नरसंहार रिपोर्ट को विधानसभा में किया जाएगा पेश, हिमंता बिस्वा सरकार ने लिया फैसला

Video: पूरे 42 सालों के बाद असम की हिमंता सरकार नेरी नरसंहार की 550 पन्नों वाली रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करेगी. यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जो चार दशकों बाद लिया गया है.

Written By : Namrata Mohanty | Published By : Namrata Mohanty | Updated: Oct 27, 2025 14:58
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Video: असम की हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने 1983 के नेली नरसंहार पर बनी जस्टिस त्रिभुवन प्रसाद तिवारी आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करने का फैसला लिया गया है. यह वहीं 550 पन्नों की रिपोर्ट है, जो 1984 में तत्कालीन हितेश्वर सैकिया सरकार को सौंपी गई थी, लेकिन चार दशकों तक कभी सार्वजनिक नहीं हुई थी.

क्या हुआ था नेली में?

18 फरवरी 1983 को मध्य असम के नगांव (अब मोरीगांव) जिले के नेली और आसपास के 14 गांवों में कुछ ही घंटों में भीषण हिंसा भड़क गई थी. हजारों की संख्या में हथियारबंद भीड़ ने बंगाली मूल के मुस्लिम गांवों को चारों ओर से घेरकर हमला कर दिया. घरों में आग लगा दी गई और भागते लोगों को बेरहमी से मार दिया गया. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस हिंसा में 2191 लोग मारे गए थे, जबकि कुछ सूत्र इसे 3000 से अधिक मौतों वाला नरसंहार मानते हैं. पूरी रिपोर्ट जानने के लिए देखें न्यूज 24 का यह वीडियो…

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HISTORY

Edited By

Namrata Mohanty

Reported By

Namrata Mohanty

First published on: Oct 27, 2025 02:57 PM

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