ADGP राज्य स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारी होते हैं. इस पोस्ट के बारे में समझने के लिए आप इसका पूरा नाम जान लीजिए. ADGP का पूरा नाम (Additional Director General of Police) अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक होता है. यह जोन की देखरेख करने का काम करते हैं. एडीजीपी अधिकारी अपने जिले के राज्य पुलिस प्रमुख यानी डीजीपी को रिपोर्ट कर सकते हैं. इस पद के अधिकारी कानून व्यवस्था, प्रशिक्षण, खुफिया विभाग और अपराध शाखा का निरीक्षण करते हैं. इनका कार्य यह सुनिश्चित करना होता है कि, राज्य का राज्य का कानून परिवर्तन सिस्टम अच्छे से चलता रहे.
कितनी मिलती है इन्हें सैलरी?
एडीजीपी को बेसिक सैलरी 2 लाख के करीब मिलती है. इसके अलावा इस पद पर कई प्रकार के भत्ते जोड़ दें तो वेतन काफी अधिक हो जाता है. एडीजीपी को वेतन के अलावा सरकारी आवास, वाहन, सुरक्षा और मेडिकल जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं. इस पद पर सीधे भर्ती नहीं होती है. भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने कई सालों की सेवा और प्रमोशन के बाद आमतौर पर 25 सालों से ज्यादा के अनुभव के बाद किसी को इस पद पर प्रमोट किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें – कौन थे सीनियर IPS अधिकारी वाई पूरन सिंह? 29 सितंबर को हुआ था ट्रांसफर, पत्नी भी हैं IAS अधिकारी
क्यों चर्चा में आई ADGP?
हरियाणा पुलिस के एडीजीपी (ADGP) वाई.एस. पूरन कुमार ने चंडीगढ़ में अपने घर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. मौके से कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस जांच में लगी हुई है. इस घटना के बाद से ही यह पोस्ट चर्चा में आई है. बता देंं कि, ADGP वाई.एस पूरन कुमार 2001 बैच के हरियाणा कैडर के IPS अधिकारी थे. वह पिछले दो दशकों से हरियाणा पुलिस में अहम पदों पर कार्यरत थे. उनकी खुदकुशी करने के कारण का पता नहीं लगा है. हालांकि, उनके सहकर्मियों के अनुसार, वह पिछले दिनों से तनावग्रस्त नजर आ रहे थे. पुलिस फिलहाल हर एंगल से इस मामले की जांच कर रही है.