ITR Filing 2025: आईटीआर फाइल करना हर टैक्सपेयर्स के लिए एक जरूरी है और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है। FY24-25 के लिए ITR भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है। लेकिन आईटीआर फाइल करने से पहले टैक्सपेयर्स को कुछ जरूरी बातों का ध्यान देना चाहिए ताकि बाद में कोई परेशानी न हो…
सही ITR फॉर्म चुनें
आईटीआर फाउलिंग करने से पहले आपको अपनी आय के अनुसार सही फॉर्म चुनना होगा जो आपके आय और इनकम सोर्स के आधार पर चुना जाएगा। ये फॉर्म इस प्रकार है:
- ITR-1: अगर आपकी कुल आय ₹50 लाख तक है, जिसमें वेतन, एक घर से आय, FD/डिविडेंड से ब्याज और ₹1.25 लाख तक का पूंजीगत लाभ शामिल है।
- ITR-2: अगर आपकी आय ₹50 लाख से अधिक है, एक से ज़्यादा घर हैं, पूंजीगत लाभ या कृषि आय है (₹5,000 तक)।
- ITR-3: अगर आप फ्रीलांसर हैं या बिज़नेस करते हैं, तो ये फॉर्म भरना होगा।
- ITR-4: अगर आप प्रीजम्प्टिव टैक्स योजना (44AD, 44ADA, 44AE) में आते हैं, तो आप इसे भर सकते हैं।
कटौती का सही क्लेम करें
आप धारा 80C, 80D, 80E, 80G, 80EEB, आदि के तहत टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि फर्जी दावे करने पर विभाग कार्रवाई कर सकता है। इसलिए वही दावा करें जिसका प्रूफ हो।
पुराने या नए टैक्स रिजीम का सही चुनाव
अगर आपने साल में ज़्यादा निवेश और टैक्स सेविंग की हैं तो पुराना टैक्स सिस्टम आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
अगर आपने बहुत कटौतियों का फायदा नहीं लिया है तो नया टैक्स सिस्टम बेहतर हो सकता है। आप इनकम टैक्स कैलकुलेटर की मदद से दोनों का फर्क देख सकते हैं।
फॉर्म 16 और 26AS का मिलान करें
ITR भरते वक्त, Form 16 में दिए गए TDS की जानकारी को 26AS और AIS/TIS से क्रॉस चेक जरूर करें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई टैक्स मिस नहीं हुआ है और बाद में नोटिस नहीं आएगा।
जरूरत हो तो विशेषज्ञ की मदद लें
अगर आपकी आय जटिल है या आप निवेश, किराया, क्रिप्टो आदि से भी कमाते हैं, तो टैक्स सलाहकार की मदद लेना बेहतर रहेगा।