Delhi-Mumbai Expressway: वडोदरा-सूरत खंड पर बन रहे 1,386 किलोमीटर और 8 लेन वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर काम लगातार ही चल है। इसके बनने से दक्षिण और मध्य गुजरात के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। इस खंड को छह पैकेजों में बांटा गया है। इनमें से, वडोदरा को भरूच से जोड़ने वाले पैकेज 1 से 3 पहले से ही चालू कर दिया गया हैं। 1 अप्रैल, 2025 तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के आंकड़ों के अनुसार, पैकेज 4 और पैकेज 6 भी पूरे हो चुके हैं। हालांकि, पैकेज 5 अभी पूरा नहीं हुआ है और वडोदरा और सूरत के बीच एक्सप्रेसवे के पूरे पैमाने पर संचालन को रोकने वाली बड़ी रुकावट है।
कितना काम हो चुका पूरा?
पैकेज 6, जो एना से किम तक 36.93 किलोमीटर की दूरी को कवर करता है, इसे इस साल जनवरी में प्रोविजनल कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (PCC) मिला है, लेकिन अभी भी जमीन पर कुछ काम चल रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर ब्लॉगर्स की रिपोर्ट के आधार पर इस एक्सप्रेसवे का ज्यादातर हिस्सा पूरी तरह से तैयार और यात्रा के लिए सुगम रास्ता देता है। पहला प्रमुख लंबित या चल रहा काम तापी नदी पुल पर है, जो इस खंड की प्रमुख संरचनाओं में से एक है।
पुल का एक हिस्सा पूरा हो चुका है, जबकि दूसरे हिस्से पर कुछ काम बाकी है। अधूरे हिस्से पर गर्डर लॉन्चिंग का काम पूरा हो चुका है और बाकी कामों में पुल को सड़क से जोड़ना और लेन मार्किंग को पूरा करना शामिल है। यह देखते हुए कि काम लगातार आगे बढ़ रहा है। यह जल्द ही पूरा होने की संभावना है। कुल मिलाकर पुल का 80 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है।
मानसून के कारण धीमा पड़ सकता काम?
आगे किम इंटरचेंज पर, कुछ फिनिशिंग काम अभी भी रुकी है, जिसमें लेन मार्किंग, क्रैश बैरियर इंस्टॉलेशन और होर्डिंग शामिल हैं। हालांकि, इस स्थान पर टोल प्लाजा बनकर तैयार है, और इन छोटे-मोटे फिनिशिंग कामों के अलावा, कोई बड़ा बुनियादी ढांचा कार्य नहीं बचा है। पूरा होने के बाद, NH-48 को NH-53 से जोड़ने वाला यह 40 किलोमीटर लंबा मार्ग सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाएगा। वहीं कहा ये भी जा रहा है कि मानसून के मौसम की शुरुआत से इस खंड में निर्माण गतिविधियां धीमी होने की उम्मीद है, खास करके पुलों और इंटरचेंज जैसे जरूरी क्षेत्रों में और इसके कारण दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देरी से शुरू हो सकती है।
रुके हुए काम और मानसून के आगमन को देखते हुए, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के वडोदरा-सूरत खंड को तत्काल भविष्य में पूरी तरह से खोलना असंभव प्रतीत होता है। हालांकि, संकेत बताते हैं कि यदि मानसून के बाद प्रगति फिर से शुरू होती है, तो दिवाली के आसपास या 2025 के अंत तक औपचारिक उद्घाटन की उम्मीद की जा सकती है।