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Interesting Fact: दुनिया की सबसे बड़ी रोटी खाते हैं आर्मीनियाई; UNESCO की लिस्ट में जुड़ी तो कई देशों ने किया था विरोध

Armenians eat largest loaf of bread In The World : आर्मीनिया के लोग दुनिया की सबसे बड़ी रोटी खाते हैं। इतना ही नहीं इसके पड़ोसी देश अजरबैजान में तो इस रोटी को ओढ़ाकर दुल्हन का स्वागत किया जाता है।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Dec 20, 2023 23:55
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Largest Bread In The World: दुनिया में बहुत तरह के रिवाज हैं। ऐसा ही एक रिवाज आर्मीनिया में भी है। यहां के लोग इतने बड़े साइज की रोटी खाते हैं, जिसके मुकाबले दुनिया के दूसरे देशों की आम रोटियां एक-दो नहीं, बल्कि 8 बन जाएं। यही कारण है कि इस रोटी के नाम दुनिया की सबसे बड़ी रोटी का खिताब दर्ज है। इससे भी बड़ा रोचक पहलू तो एक यह भी है कि जब इस रोटी को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की लिस्ट में शामिल किया गया तो कई देशों अजरबैजान, ईरान, किर्गिस्तान और कज़ाकिस्तान में जमकर विरोध प्रदर्शन हुए थे।

 15 तरह की रोटी बनाई जाती है दुनिया में

वैसे रोटी को लेकर रोचक तथ्य यह भी है कि दुनियाभर में करीब 15 तरह की रोटी बनाई जाती हैं। इनमें नान, तवा रोटी, तंदूरी रोटी, बारबरी रोटी, मार्कोक, संगक, ताफ्तान, टॉर्टिला और लाफा आदि प्रमुख हैं। इन्हीं में से एक रूप लवाश का भी है। इस रोटी को लवाश कहा जाता है। यह आम रोटियों की तरह गोल नहीं, बल्कि चौकोर और काफी लंबी यानि आयताकार होती है। इस रोटी को ओवन में बनाया जाता है। लवाश को आटे, पानी, खमीर, चीनी और नमक का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। यह अलग बात है कि कई जगह इसमें चीनी और खमीर का इस्तेमाल नहीं होता। ओवन में डालने से पहले इस पर तिल और खसखस ​​भी छिड़का जाता है। इसे पहले घुमाया जाता है और फिर दोनों हाथों से फैलाया जाता है। फिर इसे ओवन में पकाया जाता है।

कहां-कहां मिलती है लवाश?

ताजा लवाश ब्रेड खाने में नरम और स्वादिष्ट होती है, लेकिन अगर थोड़ी सी भी ठंडी हो जाए तो यह जल्दी ही सूख जाती है और टूटने भी लग जाती है, इसलिए नरम रखने के लिए मोड़कर लपेट दिया जाता है। इसके बाद यह सालभर कभी भी खाई जा सकती है। आर्मीनियाई गांवों में सूखे लवाश को एक-दूसरे के ऊपर रखा जाता है और जब इसे खाना होता है तो हम इस पर थोड़ा सा पानी डाल देते हैं। हालांकि यह दुकानों पर भी बिकती है। ईरान, तुर्की और मध्य पूर्व के कई अन्य देशों में लवाश को कबाब के साथ खाया जाता है। कई देशों में इसे मीठे व्यंजनों के साथ भी खाया जाता है। इतना ही नहीं इन रोटियों से कई व्यंजन भी बनाए जाते हैं। दूसरी ओर कुछ जगह लवाश का उपयोग भोजन को लपेटने के लिए भी किया जाता है।

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दुल्हन का स्वागत भी होता है इस अनोखी रोटी से

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खाद्य इतिहासकारों के मुताबिक लवास असल में आर्मीनिया की देन है। यह यूनेस्को की लिस्ट में भी शामिल है, लेकिन आर्मीनिया के साथ अजरबैजान, ईरान और तुर्की में भी लोकप्रिय है। बताया जा रहा है कि जब आर्मीनिया के नाम यह उपलब्धि जुड़ी तो अजरबैजान, ईरान, किर्गिस्तान और कज़ाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन हुए। जहां तक विरोध के कारण की बात है, इन सबका तर्क था कि यह रोटी आर्मीनिया की नहीं, बल्कि क्षेत्रीय उपहार है। अजरबैजान में तो जब दुल्हन अपने नए घर में आती है तो उसकी सास लवाश को उसके कंधों पर रखती है। इसके साथ घर में समृद्धि की कामना की जाती है। इसे घर और नई-नवेली दुल्हन दोनों के लिए भाग्यशाली माना जाता है।

First published on: Dec 20, 2023 11:53 PM

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