Uttar Pradesh Police : उत्तर प्रदेश पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। एक कॉन्स्टेबल की पत्नी गर्भवती थी, प्रसव पीड़ा की जानकारी मिलने के बाद थानाध्यक्ष के पैसा छुट्टियों के लिए गुहार लगाता रहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब जब कॉन्स्टेबल की पत्नी और नवजात की मौत हो गई है तो एक महीने की छुट्टी दे दी गई। इस पर कॉन्स्टेबल ने क्या कहा है, आगे पढ़िए।
पत्नी और नवजात की मौत के बाद एक महीने का अवकाश
कॉन्स्टेबल की पत्नी और नवजात के मौत की जानकारी सामने आते ही जब पुलिस के रवैये पर सवाल उठे तो प्रशासन हरकत में आया। अपर पुलिस अधीक्षक ने बयान जारी कर कहा है कि कॉन्स्टेबल को एक महीने का अवकाश देकर घर भेज दिया गया है। साथ ही थानाध्यक्ष के खिलाफ हुई जांच में वह दोषी पाए गए हैं।
पत्नी और बच्चे की मौत के बाद जब प्रशासन की तरफ से एक महीने का अवकाश मिला तो कॉन्स्टेबल विकास ने कहा कि अब ये छुट्टी मेरे किस काम की है। मैं एक महीने से छुट्टी के लिए आवेदन कर रहा था लेकिन थानाध्यक्ष मेरे आवेदन को अग्रसारित नहीं करते थे।
थाना प्रभारी द्वारा आरक्षी के अवकाश के प्रार्थना-पत्र को उच्चाधिकारियों को अग्रसारित नही करने के प्रकरण में की जा रही विभागीय जांच/कार्यवाही के सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक जालौन द्वारा दी गयी बाइट। pic.twitter.com/awRnYbtCX0
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विकास की पत्नी RPF में कॉन्स्टेबल थी और गर्भवती होने के कारण परिजनों के साथ रहती थी। विकास ने कहा कि उसकी हालत ठीक थी लेकिन नौवा महीना शुरू होते ही उसने मुझे बुलाया था। मैं छुट्टी के लिए आवेदन दे रहा था लेकिन मेरे आवेदन को स्वीकार नहीं किया जा रहा था।
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जालौन के अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि थानाध्यक्ष जांच में दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी और जो सजा होगी, उन्हें दी जाएगी। हालांकि थानाध्यक्ष द्वारा सिपाही को छुट्टी ना दिए जाने की खबर सुनकर तमाम लोगों में रोष है।