Cobra Snake Venom : ये तो हम सभी जानते हैं कि कोबरा एक जहरीला सांप होता है। इस सांप के काटने के कुछ ही देर बाद इंसान की मौत हो जाती है। अगर सही समय पर इलाज मिल जाए तो इंसान को बचाया जा सकता है लेकिन वक्त बहुत कम होता है। इस बीच सवाल ये भी उठता है कि क्या अपने ही जहर से कोबरा मर सकता है? आइये इसी सवाल का जवाब जानते हैं।
कोबरा सांप में न्यूरोटॉक्सिन नामक जहर होता है। अगर यह सांप किसी को काटता है तो लगभग 2 से 5 मिलीलीटर तक जहर छोड़ता है। कुछ रिसर्च में तो यह भी दावा किया गया है कि कई बार कोबरा 7 मिलीलीटर तक जहर शिकार के शरीर में छोड़ सकते हैं। कोबरा के काटने के बाद इंसान को उल्टी, गंभीर दर्द,खून का काला होना, गैंग्रीन, सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानी होती है।
कोबरा का जहर सीधे इंसान के नर्वस सिस्टम पर अटैक करता है, जिसके कारण जहर न्यूरोट्रांसमीटर को ब्लॉक कर देता है जो इंसान के लिए खतरनाक होता है और जान चली जाती है। इसका असर मांसपेशियों पर भी पड़ता है लेकिन सवाल ये है कि कोबरा पर उसके जहर का असर क्यों नहीं होता? दरअसल कोबरा पर उसके जहर का असर इसलिए नहीं पड़ता क्योंकि इसका असर उसके मांसपेशियों और रिसेप्टर पर नहीं होता।
The vicious cycle of survival of the fittest between the largest venomous snake on the planet, the King Cobra vs the longest non-venomous snake on the planet the Reticulated Python!
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— Nature is Amazing ☘️ (@AMAZlNGNATURE) April 27, 2024
इसके साथ ही कोबरा के शरीर में ऐसे प्रोटीन पाए जाते हैं जो उसके जहर को फैलने से रोक देते हैं। सांपों के दांत के पास जहर की थैली होती है, इसी में जहर होता है। जब सांप किसी पर अटैक करता है तो जहर दातों से हुए शिकार के शरीर में चला जाता है। कोबरा के मुंह में एक खास तरह की परत होती है, जो जहर को शरीर में जाने से रोकती है।
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इतना नहीं, कोबरा के शरीर में एक एंटीवेनम होता है, जो जहर के प्रभाव को कम कर देता है। ये एंटीवेनम शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व को खत्म कर देता है। कोबरा के शरीर की बनावट भी ऐसी होती है कि जहर सीधे उसके महत्वपूर्ण अंगों तक नहीं पहुंच पाता।