Greater Noida News: यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे की ओर बढ़ रहा है। बुधवार रात से शुरू हुआ जलस्तर बढ़ने का सिलसिला बृहस्पतिवार सुबह तक रफ्तार पकड़ चुका था। डूब क्षेत्र में बसे अवैध फार्म हाउसों और खेतों में पानी भर गया है। किसानों की फसल तबाह हो रही है। लोग अपने घरों से बेघर होकर पुश्तों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं।
फार्म हाउस डूबे
डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने बताया कि बुधवार देर रात पानी अचानक खेतों और फार्म हाउसों में घुसने लगा। कई जगहों पर 3 से 5 फीट तक पानी भर चुका है। अवैध रूप से बने फार्म हाउसों में रहने वाले परिवारों को जैसे-तैसे सुरक्षित स्थानों तक पहुंचना पड़ा।
हिमाचल और हरियाणा की बारिश बनी मुसीबत
हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है। दो दिनों से 50 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। इसके पीछे हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में हुई भारी बारिश को जिम्मेदार माना जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से यमुना अपने मुख्य बहाव से बाहर निकल चुकी है। गौतमबुद्ध नगर, जेवर, रबूपुरा और दनकौर के निचले इलाकों को अपनी चपेट में ले चुकी है।
किसानों की मेहनत पर पानी फिरा
प्रभावित किसानों का दावा है कि करीब 400 बीघा क्षेत्र में खड़ी फसल पूरी तरह डूब चुकी है। धान, सब्जी और पशु चारा जैसी जरूरी फसल सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं। कानीगढ़ी के किसानों को भी लगभग 250 बीघा फसल के नुकसान का डर सता रहा है।
जेवर के चार गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
जेवर के कानीगढ़ी, शमशमनगर, पुरननगर और झुप्पा गांवों के खेतों तक नदी का पानी पहुंच चुका है। हालात यह है कि कुछ गांवों में पानी अब घरों से केवल 50 मीटर की दूरी पर है। मकनपुर खादर और लतीफपुर जैसे गांवों में तो जंगल और खेत पूरी तरह जलमग्न हो चुके है।