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पश्चिम बंगाल

Nijo Griha, Nijo Bhumi Scheme: पश्चिम बंगाल सरकार ने बेघरों को दिया घर, जानें क्या है निजो गृह निजो भूमि योजना?

Nijo Griha, Nijo Bhumi Scheme: कोलकाता, निजो गृह निजो भूमि योजना यानी की अपना घर, अपनी मीन योजना के तहत बेघरों को घर दिया गया है। इसके तहत पश्चिम बंगाल में रह रहे उन बेघर खेतिहर मजदूरों, कारीगरों और मछुआरों को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पांच डिसमिल जमीन और उनके लिए उक्त जमीन पर आशियाना मिला है। पश्चिम बंगाल से अमर देव पासवान की रिपोर्ट

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shivani Jha Updated: Jun 10, 2025 14:59
Nijo Griha, Nijo Bhumi Scheme
निजो गृह निजो भूमि योजना फोटो सोर्स News24

Nijo Griha, Nijo Bhumi Scheme: कोलकाता, निजो गृह निजो भूमि योजना यानी की अपना घर, अपनी मीन योजना (NGNB) की शुरुआत पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 18 अक्टूबर 2011 को की गई थी। इसके तहत पश्चिम बंगाल में रह रहे उन बेघर खेतिहर मजदूरों, कारीगरों और मछुआरों को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पांच डिसमिल जमीन और उनके लिए उक्त जमीन पर आशियाना बनाकर दिया गया, जो बेहद गरीब तो थे ही साथ में काफी जरूरतमंद भी। ऐसे में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा निजो गृह निजो भूमि योजना के तहत खुद की की जमीन और खुद का एक आशियाना पाकर लोगों में खुशी का माहौल छा गया।

इस योजना के तहत लाभवंतित हुए लोगों ने कभी सोचा तक नहीं था की कभी उनका खुद का जमीन होगा और उक्त जमीन में उनका खुदका एक मकान होगा, उनके लिए इस योजना के तहत खुद की की जमीन और उक्त जमीन पर खुदका एक आशियाना पाना एक सपना से कम नहीं था। जिस सपने को पश्चिम बंगाल सरकार ने पूरा कर दिया था, इस योजना से जुड़कर राज्य के कई गरीब और जरूरतमंद लोग लाभवन्तित हुए हैं और अपने परिवार के साथ एक खुशहाल जिंदगी व्यतीत भी कर रहे हैं।

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क्या है इस योजना का उद्देश्य

वितरित पट्टों का नामांकन या तो परिवार की मुखिया महिला को दिया जाता है या पति और पत्नी को। लाभार्थियों को पट्टे, अधिकारों का रिकॉर्ड और भूमि का कब्जा प्रदान किया जाता है। इससे परिवार सरकार द्वारा प्रदान की गई अन्य विकास योजनाओं जैसे इंदिरा आवास योजना (आईएवाई), संपूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, राजीव गांधी विद्युत यान योजना आदि की सहायता से दी गई।

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भूमि पर घर बनाने में सक्षम हो सके, घर का उपयोग निवास के लिए और खेती के विभिन्न साधनों और इस तरह के अन्य साधनों के माध्यम से आय उत्पन्न करने के लिए किया जा सके। योजना का उद्देश्य भूमिहीन और गृहस्थी विहीन ग्रामीण कृषि मजदूरों, कारीगरों, मछली पकड़ने की गतिविधि में लगे परिवारों और ऐसे व्यक्तियों के उत्तराधिकारियों को लाभ पहुंचाना है।

क्या होनी चाहिए पात्रता

भूमिहीन और गृह-भूमि विहीन ग्रामीण कृषि मजदूर, कारीगर और मछली पकड़ने के कार्य में लगे परिवार, जिनका नेतृत्व अनुसूचित जनजाति की महिलाएं करती हैं। भूमिहीन और गृह-भूमि विहीन ग्रामीण कृषि मजदूर, कारीगर और मछली पकड़ने के कार्य में लगे परिवार, जिनका नेतृत्व अनुसूचित जाति की महिलाएं करती हैं। भूमिहीन और गृह-विहीन ग्रामीण कृषि मजदूर, कारीगर और मछली पकड़ने के कार्य में लगे परिवार, जिनका नेतृत्व अल्पसंख्यक समुदायों और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों की महिलाएं करती हैं।

योजना के तहत वितरित की जाने वाली भूमि आवासीय उद्देश्यों के लिए उपयुक्त होनी चाहिए, जिसमें किचन गार्डन, पशुपालन और घरेलू उद्यम जैसी सुविधाएं शामिल हैं। भूमि को सभी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए, जैसे कि उचित जल निकासी सुविधाएं, पानी की सुविधाएं, आदि, और भौगोलिक रूप से खतरनाक स्थानों या नदी के कटाव या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त स्थानों के निकट नहीं होना चाहिए।

विचार करने का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि भूमि उपयुक्त पड़ोस के बीच में स्थित होनी चाहिए। इसलिए, एक समूह में व्यवस्थित कम से कम 15 परिवारों को आवास स्थल भूखंड प्रदान करने के लिए पर्याप्त देखभाल की जानी चाहिए। इन समूहबद्ध भूखंडों में आवास, पानी, स्वच्छता, जल निकासी, स्ट्रीट लाइट आदि जैसी बुनियादी मानक सुविधाएं होनी चाहिए।

First published on: Jun 10, 2025 02:59 PM

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