Delhi News: बीजेपी दुर्गा पूजा के जरिए सांस्कृतिक पहचान और राजनीतिक रणनीति को जोड़कर देश भर में प्रवासी बंगालियों तक पहुंच बनाने में जुट गई है. दुर्गा पूजा को लेकर बीजेपी ने बड़ा चुनावी दांव खेला है. प्रवासी बंगालियों तक पहुंचने के लिए पार्टी 20 से अधिक राज्यों और शहरों में प्रवासी बंगालियों तक अपनी नीतियों को पहुंचाने के लिए अभियान चलाएगी. जिसका मकसद बंगाल की संस्कृति का सम्मान दिखाकर प्रवासी वोटरों को सक्रिय करना.
अभियान के लिए 101 जिलों की पहचान की
भारतीय जनता पार्टी का दुर्गा पूजा से पहले सांस्कृतिक कनेक्शन वाला अभियान शुरू हो गया है. पार्टी ने बंगाल ही नहीं बल्कि देशभर में फैले प्रवासी बंगालियों को साधने की रणनीति बनाई है. जहां भी 25 हजार से अधिक बंगाली आबादी है. वहां बीजेपी की मौजूदगी पंडालों और आयोजनों में नजर आएगी. इस अभियान के लिए बीजेपी ने 101 जिलों की पहचान की है. जहां बंगाली हिंदुओं की संख्या अधिक है. इन इलाकों में सांसद, विधायक और मंत्री सीधे जनता के बीच जाकर उनके मुद्दों से जुड़ेंगे. इस दौरान नेता स्नेहमिलन और चाय पर चर्चा जैसे कार्यक्रमों से पार्टी सांस्कृतिक जुड़ाव को राजनीतिक ताकत में बदलने की कोशिश कर रही है. इस दौरान बीजेपी की ओर से संदेश दिया गया है कि बीजेपी का सीधा संदेश, संस्कृति सिर्फ वोट बैंक नहीं.
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प्रवासी वोटरों को सक्रिय करना मकसद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सांसदों को संदेश दिया है कि हर राज्य का प्रमुख त्योहार स्थानीय जनता के साथ मनाएं. केरल में ओणम से लेकर बंगाल में दुर्गा पूजा तक. बीजेपी प्रवासी बंगालियों को न सिर्फ संस्कृति से जोड़ रही है बल्कि उन्हें वोट डालने के लिए बंगाल लौटने को भी प्रेरित कर रही है. बीजेपी का चुनावी मकसद प्रवासी वोटरों को सक्रिय करना. वहीं बीजेपी का यह अभियान यह भी साफ करता है कि अब बीजेपी पार्टी बंगाल की लड़ाई सिर्फ राज्य में नहीं बल्कि देशभर में फैले बंगालियों के बीच लड़ना चाहती है.
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