Agra News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आगरा विकास प्राधिकरण (Agra Development Authority) को ताजमहल (Taj Mahal) की परिधि से 500 मीटर के भीतर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को तुरंत बंद करने का निर्देश दिया है। इसके बाद ताजगंज इलाके में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद करीब 150 छोटे व मध्यम श्रेणी के होटल, एम्पोरियम समेत 500 प्रतिष्ठानों पर असर पड़ा है।
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क्षेत्र में सर्वेक्षण कराया जा रहा हैः एडीए
आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए की जाने वाली कार्रवाई पर चुप्पी साधे हुए हैं। एडीए उपाध्यक्ष चरचित गौड़ ने कहा कि ताजमहल की 500 मीटर की परिधि के भीतर सर्वेक्षण करने के लिए टीमों का गठन किया गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्षेत्र में किस प्रकार की कितनी व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं। हम एक रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इलाके में कारोबार प्रभावित होगा
सुप्रीम कोर्ट का आदेश ताजगंज इलाके में फैले व्यापारिक प्रतिष्ठानों को प्रभावित करेगा। मुख्य रूप से ताजमहल के दक्षिणी हिस्से में जो एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है। कुछ वर्ष पहले स्मारक के दक्षिणी द्वार को सुरक्षा कारणों से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया था। अब गेट से केवल बाहर निकलने की अनुमति है, जिसके दोनों तरफ दुकानें हैं। वहीं ताजमहल के उत्तर में यमुना नदी बहती है।
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वाहन पहले से ही प्रतिबंधित हैं
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आधिकारिक वाहन पार्किंग स्थल ताजमहल के पूर्वी और पश्चिमी गेट के पास स्थित है, लेकिन यह मकबरे से 500 मीटर से अधिक दूर है। चूंकि क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित है, इसलिए यहां तक वीवीआईपी को भी एडीए की ओर से चलाई जाने वाली बैटरी चलित गोल्फ कार्ट लेनी पड़ती है।
जस्टिस संजय किशन कौल और एएस ओका ने दिया आदेश
सोमवार को जारी आदेश में शीर्ष अदालत ने एक याचिका की अनुमति दी। इसमें 17वीं शताब्दी के इस स्मारक की 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच के जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एएस ओका ने यह आदेश दिया है। कहा कि हम प्रार्थना की अनुमति देते हैं। आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल की परिधीय दीवार से 500 मीटर के भीतर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को हटाने का निर्देश देते हैं। यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुरूप होगा।
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