Pilibhit News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पीलीभीत (Pilibhit) जिले में एक 34 वर्षीय दलित महिला ने आरोप लगाया कि चलती कार में तीन लोगों ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) किया। प्रदेश में एक के बाद एक लगातार हो रहीं सामूहिक दुष्कर्म की वारदातों के बीच पीलीभीत में महिला द्वारा लगाए गए आरोपों से जिला पुलिस हिल गई। उन्होंने आनन-फानन में अधिकारियों समेत थाना प्रभारी की टीमों को लगाकर मामले की जांच शुरू कराई, लेकिन महज 24 घंटे में ही पुलिस ने इस सनसनीखेज वारदात का ऐसा खुलासा किया कि आप भी चौंक जाएंगे। इस बारे में पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और पूरी कहानी बताई।
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बैंक में नौकरी दिलाने के बहाने बुलाने का आरोप
एसपी ने बताया कि घटना पहले की थी, लेकिन करीब 10-12 दिन बाद थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया गया। महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि वह नौकरी की तलाश में थी। एक आरोपी ने उसे बैंक में नौकरी दिलाने की पेशकश की। कहा कि उसके एक बैंक के मैनेजर से अच्छे संबंध हैं। महिला ने आरोप लगाया कि उसे बैंक मैनेजर से मिलाने के लिए बुलाया गया था। आरोपी उसे अपनी कार में बैठाकर एक सुनसान जगह पर ले गया। जहां उसे कुछ नशीला पदार्थ खिला दिया। इसके बाद चलती कार में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
पीड़िता और आरोपियों की लोकेशन निकाली
एसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी और शिकायतकर्ता की इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस व कॉल रिकॉर्डिंग डीटेल से पता चला है कि मुख्य आरोपी महिला द्वारा बताए गई वारदात वाले दिन बरेली में था। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारियों को कथित पीड़िता के घटनास्थल पर होने का भी कोई साक्ष्य नहीं मिला है। वहीं पुलिस इस बात पर भी हैरान थी कि पीड़िता ने अपनी मेडिकल जांच कराने से भी इनकार कर दिया। उसने अपना डॉक्टरी मुआयना नहीं कराया।
पूर्व मंत्री ने पुलिस की जांच पर उठाए सवाल
वहीं पुलिस की ओर से महज 24 घंटे में जांच के बाद खुलासे पर सवाल उठ रहे हैं। समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री हेमराज वर्मा ने बताया कि सितंबर में माधोटांडा थाना क्षेत्र के एक गांव में किशोरी के सामूहिक दुष्कर्म और जलाने के मामले में इतनी तेज कार्रवाई नहीं की थी। आरोप लगाया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल की ओर से मेमो जारी होने के बाद भी तीन दिन तक कोई पुलिस वाला मौके पर नहीं पहुंचा था। उन्होंने अब महिला से सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोप लगाया है कि पुलिस इस मामले को झूठा साबित करने में इतनी जल्दबाजी क्यों कर रही है?
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