Noida News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गौतमबुद्ध नगर (Noida) में लम्पी त्वचा रोग (lumpy skin disease) संक्रमण के मामलों में अचानक तेजी देखी गई है। पशु चिकित्सा विभाग के मुताबिक जिले में अब प्रतिदिन 25 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। सोमवार तक कुल 150 मवेशी इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। वहीं दो मवेसियों ने दम तोड़ दिया है। संक्रमण के खिलाफ गोवंशों का टीकाकरण करने के लिए जिला पशु चिकित्सा विभाग की ओर से अभियान चलाया जा रहा है, इसके बावजूद भी वृद्धि हो रही है। वहीं पशु चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि जिले में वायरस के प्रसार की जांच के लिए बकरी के टीके की अतिरिक्त खुराक खरीदी गई हैं।
रोजाना 20 से 30 पशु हो रहे हैं शिकार
गौतमबुद्धनगर के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) डॉ. निखिल वार्ष्णेय ने बताया कि हम अगस्त की शुरुआत से मामले देख रहे थे, लेकिन पिछले दो दिनों में संक्रमण में अचानक तेजी देखी गई है। रोजाना लगभग 25-30 मामले मिल रहे हैं। यह संक्रमण अन्य राज्यों में मिले संक्रमण जैसा ही है। मवेशियों के टीकाकरण और स्थिति की निगरानी के लिए 15 से ज्यादा टीमें बनाई गई हैं। उन्होंने बताया कि लम्पी त्वचा रोग मवेशियों में एक संक्रामक रोग है। रोग का फैलाव त्वचा पर उठी गांठों के फटने के कारण होती है, जो जानवर के पूरे शरीर पर फैल जाती हैं। इसके बाद पशु की आंखों और नाक से स्राव होता है।
मच्छरों-कीड़ों के काटने से होता है संक्रमण
केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक यह संक्रमण मच्छरों, कीड़ों और टिक्स की कुछ प्रजातियों से फैलता है। पिछले कुछ महीनों में देश में लगभग 70,000 गायों के इससे प्रभावित होने का दावा किया गया है। पशु चिकित्सकों का दावा है कि यह रोग मनुष्यों में संचरित नहीं होता है। वहीं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सोमवार को चुहादपुर खादर गांव में ऐसे मवेशियों के लिए अलग से उपचार की सुविधा शुरू की है। यहां के एक बारात घर को सामुदायिक पशु स्वास्थ्य केंद्र में बदल दिया है। यहां 40 मवेशी रह सकते हैं। इसे सोमवार शाम तक यहां चार बीमार गायें लाई गई हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने की ये तैयारी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक सलिल यादव ने बताया कि इस केंद्र में दो पैरामेडिक्स और एक पशु चिकित्सक तैनात हैं। सीवीओ ने टीकाकरण और इलाज के लिए अपने कार्यालय से एक टीम भी भेजी है। हम केवल ग्रेटर नोएडा क्षेत्रों से मवेशियों को यहां ले जा रहे हैं, क्योंकि अन्य शहरी स्थानीय निकायों के भी अपने क्षेत्रों में भी ऐसे केंद्र बवाए हैं। सलिल यादव ने कहा कि एक और केंद्र निर्धारित किया गया है, ताकि मामले यदि बढ़े तो मवेसियों को यहां भी रखा जा सके। बताया कि केंद्र पर टीकाकरण के लिए पशु निजी मवेशी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से संचालित गौशाला में सभी 2,348 गायों को टीके लगाए जा चुके हैं।
जिले में 50 फीसदी पशुओं का हुआ टीकाकरण
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. निखिल वार्ष्णेय ने बताया कि जिले में 90,000 मवेशियों में से करीब 50% का टीकाकरण कर चुके हैं। हमने और 25,000 खुराकें खरीदी हैं। प्रतिदिन करीब 3,000 मवेशियों का टीकाकरण कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगले पखवाड़े में हम 100% लक्ष्य हासिल कर लेंगे, क्योंकि बीमारी के प्रसार को काबी में करने के लिए टीकाकरण ही एक मात्र तरीका है। वहीं पशु कार्यकर्ताओं ने कहा कि मामलों की वास्तविक संख्या बहुत अधिक है, क्योंकि बीमारी गोवंशों के बारे में काफी लोगों ने जिला प्रशासन को अभी तक सूचित नहीं किया है।
स्वयंसेवकों ने की गायों के देखरेख की पहल
सक्रिय नागरिक टीम के सदस्य और गौशालाओं में नियमित स्वयंसेवक हरिंदर भाटी ने बताया कि हम लंबे समय से अधिकारियों से सर्वेक्षण करने के लिए कह रहे हैं, ताकि मवेशियों को उचित उपचार दिया जा सके। उन्होंने कहा कि कई पशु मालिक ऐसे ही हैं, जिनमें पशुओं का इलाज कराने के लिए आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हो, या फिर उनको रोग के बारे में जानकारी ही न हो। ऐसे में हमें खुशी है कि प्राधिकरण ने गायों की सुरक्षा के लिए हमारी मांगों को सुना। उनके लिए एक अलग से व्यवस्था की है।