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नोएडा प्राधिकरण ने नहीं किया यमुना में गिरते नाले का समाधान, अब भरना पडे़गा ₹100 करोड़ जुर्माना

नोएडा: नेशनल ग्रीट ट्रिब्यूनल (NGT) ने नोएडा प्राधिकरण पर 100 करोड़ रुपये का मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को नोएडा प्राधिकरण की ओर से दायर समीक्षा याचिका को भी ट्रिब्यूनल ने खारिज कर दिया। दरअसल, यमुना नदी में गिरने वाली सीवेज को कोंडली सिंचाई नहर परियोजना के तहत ट्रीट नहीं कर पाने पर […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Sep 6, 2022 11:23
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नोएडा: नेशनल ग्रीट ट्रिब्यूनल (NGT) ने नोएडा प्राधिकरण पर 100 करोड़ रुपये का मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को नोएडा प्राधिकरण की ओर से दायर समीक्षा याचिका को भी ट्रिब्यूनल ने खारिज कर दिया। दरअसल, यमुना नदी में गिरने वाली सीवेज को कोंडली सिंचाई नहर परियोजना के तहत ट्रीट नहीं कर पाने पर यह जुर्माना लगाया गया था।

NGT की पीठ ने कहा, आप शीर्ष अदालत जा सकते हैं

याचिकाकर्ता अभिष्ट कुसुम गुप्ता के वकील सुनील जे मैथ्यूज ने बताया कि एनजीटी ने नोएडा अथॉरिटी पर 100 करोड़ रुपये और दिल्ली जल बोर्ड पर 50 करोड़ रुपये का जुर्माना 6 अगस्त को लगाया है। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की एनजीटी न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को प्राधिकरण की याचिका खारिज कर दी।

एनजीटी ने प्राधिकरण से कहा कि अगर वह चाहते हैं तो वह शीर्ष अदालत का रुख कर सकते हैं। आपको बता दें कि 20 किलोमीटर लंबा कोंडली नाला दिल्ली के कोंडली गांव से निकलता है और गाजियाबाद होते हुए नोएडा में प्रवेश करता है। नोएडा के सेक्टर-168 में यह नाला यमुना में गिरता है।

कई हाउसिंग सोसायटी में एसटीपी नहीं हैं

एनजीटी ने अपने अगस्त के आदेश में कहा कि नोएडा में ग्रुप हाउसिंग की 95 सोसाइटियों में से केवल 76 में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) हैं। अन्य ने अभी तक एसटीपी स्थापित नहीं किया है, जबकि एसटीपी वाली 76 में से 38 सोसायटी (50%) अनुपालन नहीं कर रही हैं। ट्रिब्यूनल ने कहा कि 231 एमएलडी की कुल क्षमता वाले नोएडा के छह ऑपरेशनल एसटीपी चलाए जाने का दावा किया जाता है, लेकिन इन प्लांट्स के नमूने इन दावों का खंडन करते हैं। अगर सही मानक लागू किए जाते तो ऐसा नहीं होता।

First published on: Sep 06, 2022 11:23 AM
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