लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के होटल लेवाना में लगी आग के बाद पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने होटल के मालिकों पर लापरवाही और गैरइरादतन हत्या के तहत मुकदमा दर्ज किया। अब पुलिस ने होटल के दो मालिकों और जीएम को गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी कर रही मामले की जांच
आपको बता दें कि लखनऊ के हजरतगंज में होटल लेवाना के दो मालिक राहुल अग्रवाल और रोहित अग्रवाल समेत जीएम सागर श्रीवास्तव को कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। तीनों के खिलाफ लापरवाही और गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं मामले की जांच के लिए प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद की ओर से कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में मंडलायुक्त रोशन जैकब, लखनऊ पुलिस आयुक्त एसबी शिरडकर और डीआईजी अग्निशमन आकाश गुलहरी शामिल हैं।
#UPDATE | Lucknow hotel fire incident: Hotel owners Rahul Agarwal & Rohit Agarwal along with general manager Sagar Srivastava sent to 14-day judicial custody
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 6, 2022
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किचन में लगी आग के बाद होटल में फैल गया था धुआं
बता दें कि लखनऊ के हजरतगंज स्थित होटल लेवाना में सोमवार सुबह भीषण आग लगी थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि आग होटल के किचन में लगी थी, जिसके बाद धुआं पूरे होटल में फैल गया। होटल में यात्रियों समेत 30 से ज्यादा लोग मौजूद थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 16 से ज्यादा लोग धुएं के कारण बेहोश हो गए थे। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना में घायलों को देखने के लिए मुख्यमंत्री योगी अस्पताल पहुंचे थे। सीएम योगी के निर्देश पर तत्काल मामले की जांच सुनिश्चित कराई गई थी।
जांच के बाद सामने आईं खामियां, होगा बड़ा एक्शन
लखनऊ के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से की गई जांच में सामने आया था कि होटल का नक्शा लखनऊ विकास प्राधिकरण से पास नहीं था। होटल में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने पर पूर्व में भी होटल को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया गया। रिपोर्ट्स की मानें तो अधिकारियों की ओर से होटल को ध्वस्त करने के आदेश दिए गए हैं। वहीं शासन की सख्ती के बाद पुलिस ने होटल को अपने कब्जे में ले लिया है। सभी विभाग मिलकर होटल प्रकरण की जांच कर रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है।