लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को हुए होटल लेवाना अग्निकांड के बाद लखनऊ प्रशासन हरकत में आ गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने मंगलवार को कई टीमों का गठन किया है। ये टीमें शहरभर के होटलों का निरीक्षण करेंगी। पूर्व में निरीक्षण के दौरान होटलों को जारी नोटिस के बाद भी यदि कोई खामी मिलती है तो उस होटल को तत्काल सील किया जाएगा। आपको बता दें कि होटलों को नोटिस जारी करने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। नोटिस सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह गए थे।
अधिकारियों की मिलीभगत से होता था पूरा खेल
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने सभी जोन के इंजीनियरों को 140 होटलों का निरीक्षण कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया हैं। एलडीए की यह कार्रवाई होटल लेवाना में आग लगने के बाद हो रही है, जिसमें पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। लखनऊ विकास प्राधिकरण के अनुसार नोटिस दिए जाने के बाद या तो कोई मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जाती थी, या फिर मामले को प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा मिलीभगत से टाल दिया जाता था। आपको बता दें कि वर्ष 2018 के बाद के सभी नोटिस दोबारा निकाले गए हैं।
बिना मानकों के गली-गली खुल रहे हैं होटल
एलडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शहरभर की संकरी गलियों और अन्य इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण गतिविधियां चल रही हैं। आवासीय भूखंडों पर बहुमंजिला इमारतें बन रही हैं। बड़ी संख्या में होटल तय मानदंडों के खिलाफ और बिना पार्किंग की सुविधा के खुल रहे हैं। अवैध निर्माणों की लंबी सूची में मैरिज हॉल और गेस्ट हाउस भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जोनल और जूनियर इंजीनियर अपने क्षेत्रों में हर निर्माण गतिविधि से अवगत हैं। उनकी सहमति के बिना कोई भी अवैध निर्माण नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एलडीए के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि 140 होटलों को दिए गए नोटिसों पर दोबारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।