Greater Noida Crime News: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में पेशे से इलेक्ट्रिशियन का काम करने वाले दो लोगों को चोरी के शक में कथित तौर पर पुलिस थाने ले गई। आरोप है कि रिश्वत नहीं देने पर पुलिसकर्मियों ने उनकी पिटाई कर दी। पीड़ितों ने कहा कि पुलिस ने बिना किसी कानूनी कार्रवाई किए उन्हें छोड़ने के लिए 20,000 रुपये की मांग की। पीड़ित प्रिंस और जोगिंदर ग्रेटर नोएजा के पाई-3 क्षेत्र में रहते हैं। दोनों मूलतः हापुड़ और पंचायतन गांव के निवासी हैं।
साप्ताहिक बाजार में चोरी हुआ था किसी का मोबाइल
पीड़ितों ने बताया कि वे शुक्रवार को साप्ताहिक बाजार में थे। जहां किसी का मोबाइल फोन चोरी हो गया। पुलिस ने मोबाइल चोरी की शक में दोनों को पकड़ लिया। पुलिस वाले उन्हें संबंधित पुलिस चौकी पर ले गए, लेकिन जब पुलिस को चोरी का कोई सबूत नहीं मिला तो उन्होंने 20,000 रुपये रिश्वत की मांग की। रिश्वत नहीं देने पर दोनों को किसी फर्जी मामले में जेल भेजने की धमकी भी दी गई। आरोप है कि रिश्वत नहीं देने पर थाना प्रभारी और उनकी टीम ने दोनों को बुरी तरह से पीटा।
जैसे-तैसे इकट्ठा किए 8 हजार रुपये, अगले दिन छोड़ा
दोनों पीड़ितों का कहना है कि किसी तरह उन्होंने 8,000 रुपये पुलिस वालों को दिए। तब कहीं जाकर अगले दिन उन्हें छोड़ा गया। इसके बाद प्रिंस और जोगिंदर शिकायत दर्ज कराने के लिए डीसीपी अभिषेक वर्मा के कार्यालय पहुंचे, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने पूरी घटना लिखते हुए शिकायती पत्र उनके कार्यलाय में जमा किया। प्रिंस ने कहा कि हम अपनी मेडिकल जांच के लिए सरकारी अस्पताल गए। आरोप है कि पुलिस की लिखित अनुमति न होने के कारण उनका मेडिकल और इलाज नहीं किया गया।
अधिकारियों ने दिए जांच के आदेश
वहीं एडीसीपी (ग्रेटर नोएडा) विशाल पांडे ने बताया है कि सहायक पुलिस आयुक्त-1 (ग्रेटर नोएडा) को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। विशाल पांडे ने कहा कि आरोपों का संज्ञान लिया गया है। जांच पूरी होने और रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें पुलिस पर आए दिन ऐसे आरोप लगते रहते हैं।