Chandauli News: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही और कारस्तानी सामने आई है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अधिकारियों ने बिना बिछिए और पायल दिए 98 जोड़ों की शादी दी। आरोप है कि उपहार दिए जाने की बात कहते हुए जोड़ों से हस्ताक्षर भी कराए गए। जांच के बाद इस मामले में जिलाधिकारी ने ए़डीओ को निलंबित कर दिया है। वहीं बीडीओ को उनके पद से हटाकर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
10 जून को चंदौली में हुआ था सामूहिक विवाद आयोजन
जानकारी के मुताबिक चंदौली के सदर ब्लॉक में 10 जून को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 98 जोड़ों की शादी कराई गई थी। इस कार्यक्रम में विधायक रमेश जायसवाल और जिलाधिकारी संजीव सिंह भी मौजूद रहे थे। कार्यक्रम की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों को दी गई थी। कार्यक्रम संपन्न हो चुका था। इसके कुछ दिन बाद विवाह समारोह के लाभार्थियों ने जिलाधिकारी से सुविधाओं में कटौती की शिकायत की। पीड़ितों ने कहा कि उन्हें बिछिए और पायल समेत कई सामान नहीं दिए गए हैं।
जिलाधिकारी ने कराई मामले की जांच
जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए। एसडीएम सदर अजय मिश्रा और समाज कल्याण अधिकारी नागेंद्र मौर्य को इस मामले की जांच सौंपी गई। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लाभार्थियों के बयान दर्ज कराए। इसके बाद मामले की रिपोर्ट निदेशक समाज कल्याण विभाग को भेजी गई। वहीं मामला सही पाए जाने पर दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी हुए।
मामले की जांच करके शासन को भेजी गई थी रिपोर्ट
आदेश आते ही चंदौली जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से एडीओ को निलंबित कर दिया। इसके अलावा लापरवाही बरतने के आरोप में बीडीओ तारकेश्वर तिवारी को भी उनके पद से हटाते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया। बता दें कि सामूहिक विवाह कार्यक्रमों में लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है। उत्तर प्रदेश के ही आगरा जिले में बड़ी लापरवाही सामने आई थी। यहां विवाहित महिलाओं को अविवाहित बनाकर बड़ी हेराफेरा की गई थी। मामला सामने आने के बाद अधिकारियों ने जांच के भी आदेश दिए थे।