लखनऊः उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) ने अवैध हथियार खरीद मामले में जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ विधायक अब्बास अंसारी की अग्रिम जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। उन्हें पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह की लखनऊ पीठ ने अब्बास की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
शूटिंग के नाम पर रखे थे प्रतिबंधित हथियार
रिपोर्ट्स के मुताबिक गंभीर आरोपों को ध्यान में रखते हुए कि आरोपी (आवेदक) ने अपने आर्म लाइसेंस को धोखाधड़ी से पंजीकृत कराया। शूटिंग के आधार पर बड़ी संख्या में प्रतिबंधित बैरल बंदूक, हथियार और कारतूस अपने पास रखे। आरोप है कि वह हथियार और कारतूस अपने पास रखे जो शूटिंग अभ्यास में प्रतिबंधित हैं और भारत सरकार की अधिसूचना दिनांक 4.8.2014 के खिलाफ है। इन सभी तथ्यों पर भी विचार करते हुए कि न्यायालय को आरोपी की अग्रिम जमानत देने का कोई आधार नहीं मिलता है।
कोर्ट ने कुछ समय पहले ही अब्बास को भगोड़ा घोषित किया था
आपको बता दें कि पिछले हफ्ते लखनऊ में एमपी-एमएलए कोर्ट ने मऊ विधायक अब्बास अंसारी को भगोड़ा घोषित किया गया था। इसके बाद लखनऊ पुलिस ने गाजीपुर जिले के यूसुफपुर इलाके में अब्बास अंसारी के पैतृक घर पर जाकर भगोड़ा घोषित करने का नोटिस चस्पा किया गया था। पुलिस ने अब्बास के खिलाफ अदालती आदेश के बारे में सार्वजनिक घोषणा भी की। जानकारी के मुताबिक अब्बास की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की आठ टीमें लगाई गई थीं। जो दिल्ली, लखनऊ, मिर्जापुर, जौनपुर, गाजीपुर और मऊ समेत कई स्थानों पर लगातार छापेमारी कर रही थीं।