Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण ने जेवर क्षेत्र में सेक्टरों के तेज और सुव्यवस्थित विकास को लेकर जमीन खरीद की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब किसानों से सहमति के आधार पर जमीन खरीदने के दौरान छोटे-छोटे टुकड़ों की बजाय कम से कम 10-10 एकड़ के चंक तैयार किए जाएंगे।
चंक तैयार होने के बाद होगी रजिस्ट्री
प्राधिकरण तब तक जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू नहीं करेगा जब तक पूरा चंक (10 एकड़) तैयार नहीं हो जाता। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि जमीन की खरीद के साथ-साथ ढांचागत सुविधाओं का कार्य भी व्यवस्थित ढंग से हो सके। इसके अलावा भूखंडों का तेजी से आवंटन संभव हो।
पुरानी प्रक्रिया में आती थी अड़चन
अब तक किसानों द्वारा व्यक्तिगत रूप से फाइल जमा कर जमीन बेचने की सहमति देने पर प्राधिकरण द्वारा रजिस्ट्री की जाती थी। इससे जमीन छोटे-छोटे टुकड़ों में खरीदी जाती थी। एक सेक्टर के संपूर्ण विकास में अड़चन आती थी। सड़क, सीवर लाइन, पेयजल पाइपलाइन जैसी बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह विकसित नहीं हो पाती थी।
नई रणनीति का लाभ
यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि अब चंक आधारित खरीद से जमीन विवाद रहित होगी और एकसाथ ढांचागत कार्य शुरू किए जा सकेंगे। सेक्टरों का विकास तेजी से होगा और भूखंडों का आवंटन सुगम होगा।
26 गांवों की 3120 हेक्टेयर जमीन ली जानी है
यमुना प्राधिकरण वर्तमान में 11 नए सेक्टरों के विकास के लिए 3120 हेक्टेयर जमीन किसानों से आपसी सहमति के आधार पर खरीद रहा है। यह जमीन रबूपुरा, कलूपुरा, दस्तमपुर, दयौरार, भीकनपुर, भुन्नातगा, मुरादगढ़ी, थोरा, फाजिलपुर, आकलपुर सहित कई अन्य गांव में है।
ये भी पढ़ें: ग्रेटर नोएडा में आईटी कंपनियों के लिए सुनहरा मौका, BPO के लिए 22 भूखंडों की योजना लांच