Greater Noida News: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टरों में छोटे भूखंडों पर तेजी से निर्माण हो रहा है, वहीं बड़े आकार के प्लॉट अब भी खाली पड़े हैं. प्राधिकरण के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि जिन लोगों को एक हजार वर्गमीटर से ऊपर के आवासीय भूखंड आवंटित किए गए हैं, उनमें से बहुत कम लोगों ने अब तक भवन निर्माण की पहल की है.
छोटे प्लॉट मालिक सक्रिय
यीडा क्षेत्र के सेक्टर 18 और 20 में अब तक करीब 25 हजार भूखंडों का आवंटन हो चुका है. इनमें 60, 90, 300 वर्गमीटर से लेकर 4000 वर्गमीटर तक के भूखंड शामिल हैं. आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा 300 वर्गमीटर तक के प्लॉट धारकों ने ही नक्शा पास और पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है. प्राधिकरण ने अब तक 1731 नक्शे स्वीकृत किए हैं, जिनमें 1448 छोटे भूखंडों के हैं. जबकि 1000 वर्गमीटर तक के सिर्फ 267 आवंटी ही आगे आए हैं. 2000 वर्गमीटर में सिर्फ 9 और 4000 वर्गमीटर तक केवल 7 भूखंडों के लिए ही नक्शे पास हुए हैं.
प्रमाण पत्र भी सिर्फ छोटे भूखंडों को
300 वर्गमीटर तक की श्रेणी में अब तक 1093 आवंटियों को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है. 1000 वर्गमीटर तक के 97 लोगों को यह प्रमाण पत्र मिला है, जबकि 2000 वर्गमीटर पर एक भी नहीं और 4000 वर्गमीटर में मात्र तीन लोगों को ही प्रमाण पत्र जारी हुआ है.
यीडा कर रहा अपील
यीडा के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया का कहना है कि जिन आवंटियों को भूखंड का कब्जा मिल चुका है, उन्हें निर्माण के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. जब तक भूखंडों पर निर्माण शुरू नहीं होता, तब तक शहर की असली बसावट मुमकिन नहीं है. प्राधिकरण चाहता है कि लोग समय पर निर्माण कर अपना घर बसाएं.
2009 से अब तक 30 हजार से अधिक भूखंड आवंटित
बता दें कि यमुना प्राधिकरण ने 2009 में पहली आवासीय योजना लांच की थी. इसके बाद अब तक कुल नौ आवासीय योजनाएं लायी जा चुकी हैं, जिनमें 30 हजार से अधिक प्लॉट का आवंटन हो चुका है. इनमें से 12 हजार से अधिक लोगों ने रजिस्ट्री कराकर कब्जा ले लिया है, लेकिन निर्माण की गति बड़ी संख्या में अब भी धीमी है.
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