Greater Noida Housing Problem: नोएडा घर खरीदने वालों के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। हर साल यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के तहत सैकड़ों फ्लैट बेचे जाते हैं। इन फ्लैटों को बेचते समय बिल्डर बढ़िया से बढ़िया क्वालिटी देने की बात करते हैं। हालांकि जमीन पर उसकी वास्तविकता उनके बड़े-बड़े दावों से छोटी ही नजर आती है।
यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 22डी से न्यूज24 के विशाल प्रताप की रिपोर्ट में बिल्डर के दावे हवा-हवाई नजर आते हैं। आरडब्ल्यूए के सदस्य अरविंद शर्मा ने बताया कि आरडब्ल्यूए के सदस्यों की बैठक हुई थी, जिसमें आवंटियों की समस्याओं पर चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह को पहले भी बैठक के लिए बुलाया गया था। अभी भी समस्याएं सुलझ नहीं पाई हैं। ये आवंटन 2013 में किए गए थे जब उनसे पूछा गया कि तब से अब तक क्या बदलाव आया है, तो उन्होंने जो कहानी बताई वह काफी हैरान करने वाली थी।
2013 से हालात जस के तस
सोसायटी के सदस्य ने बताया कि अधिकारियों ने उनको 2017 में कब्जा देने की बात कही थी, लेकिन इसमें पहले दो साल की देरी हुई। उन्होंने बताया कि सोसायटी कब्जा लेने की स्थिति में नहीं है। सोसायटी में रहने वालों के प्रयासों और संघर्षों के कारण ही कुछ सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि सीईओ ने हर महीने आने का वादा किया था और समस्या को हल करने का आश्वासन दिया था।
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एक सदस्य ने बताया कि जब वे 2013 में यहां आए थे तो उन्हें बताया गया था कि यमुना एक्सप्रेसवे से सीधा संपर्क मिलेगा, लेकिन अभी तक इसमें कुछ नहीं किया गया। वहीं एक अन्य सदस्य ने खराब सड़कें, स्कूल, बाधार, हाॅस्पिटल, बिजली आपूर्ति और कनेक्टिविटी जैसी कई समस्याएं बताई। आरडब्ल्यूए सदस्य किशोर ने यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के प्रति असंतोष व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए हवन किया है। सोसायटी में रहने वाले लोग इस कदर परेशान है कि वे कम कीमत पर फ्लैट देने को राजी है। उन्होंने जेवर के विकास पर तंज कसते हुए उसे हवा में उड़ते जेवर की संज्ञा दी है।
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