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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण के बदलते फैसलों से निंबस बिल्डर को मिला 5 साल का शून्य काल लाभ

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में वर्षों से अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को लेकर शासन ने एक अहम फैसला लिया है। निंबस प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की लंबित परियोजना को राहत देते हुए शासन ने करीब 5 वर्षों के लिए शून्य काल का लाभ प्रदान किया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : praveen vikram Updated: Aug 12, 2025 20:50
Yamuna Authority
यमुना प्राधिकरण का कार्यालय (Pic Credit- ANI)

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में वर्षों से अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को लेकर शासन ने एक अहम फैसला लिया है। निंबस प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की लंबित परियोजना को राहत देते हुए शासन ने करीब 5 वर्षों के लिए शून्य काल का लाभ प्रदान किया है। साथ ही परियोजना को पूरा करने के लिए समय विस्तार और समर्पित भूमि का दोबारा आवंटन यीडा (यमुना प्राधिकरण) पर छोड़ दिया है।

पीएसपी के तहत आवेदन
औद्योगिक विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि बिल्डर को पीएसपी (पार्टनरशिप स्कीम पालिसी) के तहत आवेदन करने की अवधि को शून्य काल माना जाएगा। यह अवधि वर्ष 2017 से अगस्त 2022 तक तय की गई है। इस दौरान की सभी देरी को गैर-उत्तरदायी मानते हुए बिल्डर को किसी तरह का दंड या ब्याज नहीं देना होगा।

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2012 में हुआ था आवंटन
यमुना प्राधिकरण ने वर्ष 2012 में सेक्टर 22ए में निंबस प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को 102995.7 वर्गमीटर का भूखंड आवंटित किया था। बिल्डर ने इस पर आईआईटीएल निंबस द पाम विलेज नाम की परियोजना शुरू की और 2014 में नक्शा स्वीकृत कराया। परियोजना के तहत 1906 फ्लैट प्रस्तावित किए गए थे।

18 करोड़ अतिरिक्त मांगे
प्राधिकरण द्वारा बाद में बिल्डर को किसानों के अतिरिक्त मुआवजा वितरण हेतु 18 करोड़ रुपये से अधिक की मांग की गई। इसके साथ ही बिल्डर के पीएसपी नीति के तहत दिए गए आवेदन पर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिससे परियोजना अधर में लटकी रही।

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कुछ हिस्सा लौटाया
यीडा के फैसलने के बाद बिल्डर ने भूमि का एक हिस्सा प्राधिकरण को लौटा दिया, लेकिन यीडा की ओर से ब्याज समेत बकाया राशि की मांग जारी रही। लगातार बदलते और विरोधाभासी फैसलों से परेशान होकर बिल्डर ने शासन में अपील की। अपनी याचिका में बिल्डर ने किसान आंदोलन और कोविड-19 के प्रभावों का हवाला देते हुए राहत की मांग की थी।

निर्माण पूरा करने का समय मिला
शासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए निर्णय दिया कि बिल्डर को शून्य काल का लाभ दिया जाए और निर्माण पूरा करने के लिए समय विस्तार तथा भूमि का दोबारा आवंटन यीडा पर छोड़ दिया जाए। इस फैसले से जहां बिल्डर को राहत मिली है दूसरी तरफ यीडा की विरोधाभासी नीतियों और निर्णयों पर भी सवाल खड़े हुए है।

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First published on: Aug 12, 2025 08:49 PM

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