उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर स्याना हिंसा केस मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है। कोर्ट ने हिंसा के 39 आरोपियों को दोषी करार दिया है। अब 1 अगस्त को इन आरोपियों को सजा सुनाई जाएगी। दरअसल यह पूरा मामला इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या से जुड़ा है। 3 दिसंबर 2018 को स्याना में हिंसा के दौरान भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी थी।
जानिए क्या है बुलंदशहर स्याना केस?
बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र में 3 दिसतंबर 2018 महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिलने पर हिंदूवादी संगठन और ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया था। इस दौरान स्याना कोतवाली के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह अपने टीम के साथ मौके पर पहुंचे और हंगामा कर रहे लोगों को समझाने लगे। आरोप है कि हिंदू संगठन से जुड़े योगेश राज ने लोगों को भड़का दिया। इसके बाद भीड़ ट्रैक्टर-ट्राली में गोवंश के अवशेष डालकर हाईवे स्थित चिंगरावठी पुलिस चौकी पहुंची और जाम लगा दिया। पुलिस ने जब समझाने की कोशिश की तो लोग भड़क गए। आरोपी है कि भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। हिंसा के दौरान भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी। इस घटना में चिंगरावठी निवासी सुमित की भी गोली लगने से मौत हो गई थी।
33 आरोपियों को भेजा जेल
इस मामले में बुधवार को जज गोपाल ने तत्कालीन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में आरोपी प्रशांत नट, राहुल, डेविड, लोकेंद्र और जॉनी को दोषी करार दिया। वहीं, 33 आरोपियों को जानलेवा हमले और मारपीट का दोषी करार दिया। 33 आरोपियों में योगेशराज वार्ड नंबर पांच से भाजपा के जिला पंचायत सदस्य, सतेंद्र लौंगा गांव के प्रधान, सचिन अहलावत भाजपा बीबीनगर मंडल अध्यक्ष, पवन राजपूत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्याना नगर कार्यवाह हैं। जज ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
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5 आरोपियों की हो चुकी है मौत
पुलिस ने इस मामले में पुलिस ने 27 नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के बाद 44 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। मामला सुनवाई के लिए एडीजे-12 की कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी आशीष उर्फ छोटू, चंद्रपाल, अजय कुमार, ओमिंदर और कुलदीप की मौत हो गई।