Uttarakhand Tunnel Rescue Operation Latest Update: एक टनल, 41 मजदूर और 16 दिन से जारी सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन, जिन्हें पूरे देश और दुनिया को हिलाकर रख दिया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बन रही सिल्कयारी टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में ऑगर मशीन काम नहीं आई तो वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गई। इसके बाद मजदूरों को टनल से निकालने के लिए स्टील का कैप्सूल बनाया जा रहा है। NHIDCL के MD के अनुसार, नागपुर से कोल इंडिया लिमिटेड की 4 सदस्यीय टीम सिलक्यारा बुलाई गई है। यह टीम वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद श्रमिकों को बाहर निकलाने वाले कैप्सूल का डिजाइन तैयार कर रही है। इस टीम में 4 विशेषज्ञ हैं। वर्टिकल ड्रिलिंग के बाद स्टील के मजबूत कैप्सूल के अंदर खड़े होकर श्रमिकों को बाहर निकाला जाएगा। दरअसल, कल मशीन से वर्टिकल ड्रिलिंग के दौरान पानी आने के बाद मैन्युअल वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की गई।
Uttarakhand Tunnel Rescue Set To Take Much Longer After Drill Damaged
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ड्रोन कैमरों से चल रही रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल निकालने में 25 से अधिक एजेंसियां जुटीं हैं। टनल में पहले ऑगर मशीन से खुदाई चल रही थी, लेकिन सरिया फंसने से उसके ब्लेड टूट गए, जिसे प्लाज्मा कटर कसे काटकर बाहर निकाला गया। मजदूरों को बचाने के लिए सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। बचाव अभियान की ड्रोन कैमरों से निगरानी हो रही है। मैनुअल ड्रिलिंग के लिए सेना के 30 जवान मौके पर मौजूद हैं। भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के एक ग्रुप को मैनुअल ड्रिलिंग के लिए बुलाया गया है। करीब 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है। 19.2 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग हो चुकी है। PMO के प्रमुख सचिव PK मिश्रा और मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु सोमवार को टनल पहुंचे और हालातों का जायजा लिया। वहीं इस हादसे में राहत की बड़ी बात यह है कि 41 मजदूर पूरी तरह महफूज हैं। उन तक खाना, दवाइयां और जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री खुद ऑपरेशन पर निगरानी बनाए हुए हैं
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि टनकपुर से जो श्रमिक फंसे थे, मैं उनके परिवार से मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। टनल में सप्लाई पहुंचाने के लिए 2 पाइप लाइन बनाई गई हैं। 6 इंच के सप्लाई पाइप से खाना-पानी भेजा जा रहा है। 4 इंच के सप्लाई पाइप से कैमरा अंदर भेजा गया है। मजदूरों को नाश्ते में दलिया और दूध दिया जा रहा है। खाने में आलू, सोयाबीन, बींस की सब्जी, रोटी, दाल, चावल भेजा गया है। व्यस्त रखने के लिए लूडो, ताश और शतरंज भेजे गए हैं। तनाव मुक्त रखने के लिए मजदूरों को योग करने की सलाह दी गई। परिवार से बात करने के लिए BSNL ने फोन भेजा है। स्टैंडबाय में 4 किलोमीटर दूर हेलिकॉप्टर की तैनाती की गई। एंबुलेंस भी तैयार हैं। अस्पताल में डॉक्टर और बेड तैयार हैं। इमरजेंसी के ऋषिकेश के अस्पताल को तैयारी रखने के निर्देश दे दिए गए हैं। हर स्थिति के लिए तैयारी पूरी हो चुकी है।
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