Uttarakhand Tunnel Collapse Latest Update: उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में 41 मजदूर 10 दिन से फंसे हैं। सोमवार को रेस्क्यू कर रही टीम ने मजदूरों तक एक 6 इंच की पाइपलाइन डाली जिससे मजदूरों तक दलिया, खिचड़ी और सेब भेजी गई। वहीं दूसरी ओर रेस्क्यू टीम में काम कर रहे मजदूरों को किसी दुर्घटना से बचाने के लिए रेस्क्यू टनल बनाई जा चुकी है।
मजदूरों तक खाना पहुंचाने के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं। जिसमें मजदूर गर्म खिचड़ी को बोतलों में भरकर उन्हें 6 इंच के पाइप के जरिए मजदूरों तक पहुंचा रहे हैं। बता दें कि रेस्क्यू टीम अभी तक मजदूरों के पास सुखे मेवे, मुरमुरे और चिप्स के पैकेट ही भेज पा रही थी।
आज शुरू हो सकती है ड्रिलिंग
जानकारी के अनुसार सिलक्यारा की तरफ ऑगर मशीन की ड्रिलिंग शुरू हो सकती है। वहीं डंडालगांव की ओर से भी आज ड्रिलिंग शुरू हो सकती है। मशीनें पहुंच गई हैं। आरवीएनल की ओर से भी आज ड्रिलिंग शुरू हो सकती है हालांकि मशीनों के पहुंचने का इंतजार है।
बता दें कि 12 नवंबर को दिवाली के दिन सुबह 4 बजे यह हादसा हुआ था। इस टनल के प्रवेश द्वार से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मलबा धंस गया है। इससे 41 मजदूर अंदर फंस गए हैं। रेस्क्यू के दौरान भी मलबा गिरा जिससे अब मलबा 70 मीटर तक फैल गया है। टनल में फंसे मजदूर यूपी, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, बिहार और झारखंड के हैं। फंसे लोगों में सर्वाधिक मजदूर झारखंड के हैं।
#WATCH | Uttarkashi Tunnel collapse: Late night visuals from the spot where the rescue operation is underway to rescue the stranded victims pic.twitter.com/0xQ6LARxWJ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 20, 2023
अब तक क्या हुआ
टनल का निरीक्षण करने सोमवार को इंटरनेशनल टनल एक्सपर्ट प्रोफेसर ऑर्नल्ड डिक्स उत्तरकाशी पहुंचे। उन्होंने यहां पहुंचकर मलबे की मिट्टी और पत्थरों की जांच कर कहा कि ये मशीनें यहां ड्रिल कर सकती है। इधर पीएम मोदी ने सीएम धामी से फोन पर बात कर हालातों का जायजा लिया। उन्होंने कहा फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। केंद्र और राज्य की एजेंसियों के सहयोग से मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।
8 दिन में 4 मशीनें फेल
बता दें कि पिछले 7 दिन में रेस्क्यू के लिए 4 मशीनें आ चुकी हैं लेकिन सभी फेल हो चुकी है। पीएमओ से पहुंचे अधिकारियों के साथ बनी रणनीति के अनुसार अब पांच ओर से ड्रिलिंग कर मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा।
Hot Khichdi being filled in cylindrical bottles for labourers trapped in Silkyara tunnel
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— ANI Digital (@ani_digital) November 20, 2023
ऐसे चलेगा ऑपरेशन
पहला चरण- इंदौर से मंगाई गई मशीन टनल के मेन गेट से ड्रिलिंग करेगी। इसकी जिम्मेदारी नेशनल हाइवे अथाॅरिटीज के पास है। यहां से 35 मीटर खुदाई होनी हैए लेकिन रास्ते में बोल्डर आ गए हैं।
दूसरा चरण- टनल के दूसरे छोर डंडालगांव की ओर से ओएनजीसी खुदाई करेगी। यहां से 441 मीटर खुदाई होनी है।
तीसरा चरण- टनल के बायीं ओर मशीन ले जाने के लिए बीआरओ सड़क बना रही है। यहां 172 मीटर हाॅरिजेंटल ड्रिलिंग होगी।
चौथा चरण- यमुनोत्री जाने वाले पुराने रास्ते पर दायीं ओर 320-350 मीटर हाॅरिजेंटल ड्रिलिंग करेगी।
पांचवा चरण- सिलक्यारा से 350 मीटर आगे सतलुज जल विद्युत निगम 92 मीटर की 2 ड्रिलिंग करेंगे। पहली ड्रिलिंग के जरिए मजदूरों को खाना दिया जाएगा। इस काम में 2 दिन लग सकते हैं। वहीं दूसरी ड्रिलिंग 1 मीटर से ज्यादा चौड़ी होगी जिससे लोगों को निकाला जाएगा।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) Tunnel Rescue: Nipu Kumar, a safety staff says, "A Walkie-talkie has been sent inside to establish communication. Two chargers are also being sent. Food will be sent. Other necessary items will be also sent to them if they require any." pic.twitter.com/mAftncFmee
— ANI (@ANI) November 20, 2023