Uttarakhand tunnel Collapse latest news: अडानी ग्रुप ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि उत्तराखंड में ढही सुरंग के निर्माण में उसकी कोई भागीदारी नहीं है, जिसमें 41 मजदूर 16 दिनों से फंसे हुए हैं। कंपनी ने कहा कि वह इसे इस घटना से जोड़ने के प्रयासों की कड़ी निंदा करती है। उत्तरकाशी सुरंग के निर्माण में अडानी समूह या उसकी किसी सहायक कंपनी की कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भागीदारी नहीं है।
टनल के निर्माण में अडानी ग्रुप की कोई भागीदारी नहीं
अडानी ग्रुप ने सोमवार (27 नवंबर) को एक मीडिया बयान में कहा कि कुछ तत्व उन्हें उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग के ढहने से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। टनल का निर्माण नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड कर रही थी। अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने मीडिया बयान में कहा, “हम यह भी स्पष्ट करते हैं कि सुरंग के निर्माण में शामिल कंपनी में हमारा कोई शेयर नहीं है। इस समय हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं फंसे हुए श्रमिकों और उनके परिवारों के साथ हैं।”
It has come to our notice that some elements are making nefarious attempts to link us to the unfortunate collapse of a tunnel in Uttarakhand. We strongly condemn these attempts and those behind them. We clarify with utmost emphasis that the Adani Group or any of its subsidiaries… pic.twitter.com/PSPtIVKzyq
— ANI (@ANI) November 27, 2023
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कई एजेंसियां बचाव प्रयासों में जुटी हुई है
टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए कई एजेंसियां काम कर रही है। यहां तक कि भारतीय वायु सेना भी बचाव प्रयासों में जुट गई है। लेकिन, इन सब के बाद भी अब तक श्रमिकों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। 12 नवंबर को हुए हादसे में 41 मजदूर फंस गए हैं।
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#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Neeraj Khairwal, Secretary, Uttarakhand Government, says, "…After taking out the part of Auger that was stranded, the 1.9 metres that was cut, in that, the first 220 mm was pushed, and it got pushed… There was concern that it… pic.twitter.com/uudtysZ3pT
— ANI (@ANI) November 27, 2023
सचिव नीरज खैरवाल ने दी लेटेस्ट जानकारी
उत्तराखंड सरकार के सचिव नीरज खैरवाल ने कहा, ”ऑगर का जो हिस्सा फंसा हुआ था, उसे निकालने के बाद जो 1.9 मीटर का हिस्सा काटा गया था, उसमें पहले 220mm का पुश किया गया और वह पुश हो गया। वहां चिंता थी कि इसे आगे न बढ़ाया जाए, लेकिन अब हमें वैकल्पिक रूप से नहीं जाना होगा। मजदूरों को बाहर निकालने की कोई समय सीमा नहीं बताई जा सकती, लेकिन आशा और प्रार्थना करते हैं कि कम बाधाएं आएं और हम अपने लक्ष्य को जल्द पूरा कर सकें।”