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Kedarnath Mandir: केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा में 24 घंटे आईटीबीपी के जवान तैनात, जानें इस फैसले की वजह

Dehradun News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Mandir) पर 550 किलो सोने की रखवाली के लिए इस बार आईटीबीपी (ITBP) के जवानों को तैनात किया गया है। 40 जवानों की एक टुकड़ी ने मंदिर को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है। बता दें कि शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बंद हैं। […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Dec 22, 2022 12:21
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Dehradun News: उत्तराखंड (Uttarakhand) में केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Mandir) पर 550 किलो सोने की रखवाली के लिए इस बार आईटीबीपी (ITBP) के जवानों को तैनात किया गया है। 40 जवानों की एक टुकड़ी ने मंदिर को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है।

बता दें कि शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम के कपाट बंद हैं। ऐसे में मंदिर समिति के अध्यक्ष ने राज्य सरकार से सुरक्षा के लिए पत्र लिखा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केदारनाथ मंदिर समुद्रतल से करीब 11,755 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां का न्यूनतम तापमान शून्य से 15 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है। इस दौरान केदारनाथ में 5 से 6 फीट तक बर्फ पड़ती है।

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अलग-अलग शिफ्ट में जवान करेंगे सुरक्षा

फिलहाल आईटीबीपी के दो जवान मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार और अन्य द्वारों पर पहरा दे रहे हैं। इसके आलावा पूरे परिसर में टीमों ने सुरक्षा घेरा बना लिया है। मंदिर की 24 घंटे सुरक्षा की जाएगी और सुरक्षाकर्मी अलग-अलग शिफ्टों में आएंगे और जाएंगे। बता दें कि इस साल 26 अक्टूबर को मंदिर बंद होने से एक दिन पहले गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू हुआ था। एक अनुमान मुताबिक गर्भगृह में करीब 40 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया था।

इस सोने को घोड़ों और खच्चरों द्वारा मंदिर तक पहुंचाया गया था। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने मीडिया को बताया कि उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव एसएस संधू को एक पत्र लिखा था। उनसे शीतकालीन अवकाश के दौरान मंदिर को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया था। इसके बाद आईटीबीपी की एक टुकड़ी ने मंदिर की रखवाली का काम शुरू कर दिया है।

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केंद्रीय गृहमंत्रालय के निर्देश पर भेजे आईटीबीपी के जवान

अजेंद्र अजय ने बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले को केंद्र सरकार के सामने रखा, जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर केदारनाथ की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि आईटीबीपी की टीम अगले साल अप्रैल के अंत तक यहां तैनात रहेगी।

जानकारी के मुताबिक केदारनाथ मंदिर के पट होने के बाद यहां रहने वाले पुजारी और अन्य स्थानीय लोग रुद्रप्रयाग जिले के विभिन्न हिस्सों जैसे गुप्तकाशी और देव-ली-बनीग्राम में जाते हैं। केदारनाथ के दोबारा पट खुलने से कुछ दिन पहले वापस लौट आते हैं। इनके अलावा केदारनाथ और आसपास के इलाके में विकास परियोजनाओं में काम करने वाले मजदूर और इंजीनियर भी चले जाते हैं, क्योंकि बर्फबारी के दौरान सब कुछ ठप हो जाता है।

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Naresh Chaudhary

First published on: Dec 22, 2022 12:21 PM
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