पतंजलि का उद्देश्य केवल एक उत्पाद बेचना नहीं है। यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और प्रकृति के मूल तत्वों को जन-जन तक पहुंचाने का काम भी करती है। गुलाब शरबत इसकी मिसाल है एक ऐसा शरबत है, जो न सिर्फ स्वाद में बेमिसाल है, बल्कि इसकी हर बूंद में आयुर्वेद की शुद्धता, खुशबू और सेवा का भाव मिलता है। आपको बता दें, गुलाब का फूल भारतीय सभ्यता में प्रेम, शांति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। पतंजलि का गुलाब शरबत उसी फूल की कोमलता और सुगंध को एक बोतल में समेटे हुए है, जिसमें हानिकारक रंगों और रसायनों की कोई मिलावट नहीं है। यह शरबत न केवल शरीर को ठंडक देता है, बल्कि मन को भी शांति प्रदान करता है।
सेवा का भाव
स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण देश के दो ऐसे चेहरे हैं, जिन्होंने आधुनिक भारत में भी पुरानी पद्धतियों, आयुर्वेदिक उपचारों, नुस्खों और योग को जिंदा रखा है। दोनों के द्वारा स्थापित हर्बल और स्वदेशी कंपनी पतंजलि का मुख्य उद्देश्य अपने उत्पादों के जरिए एक संदेश भी देता है कि हर उत्पाद जो हम ग्रहण कर रहे हैं, उसमें सेवा का भाव और सच्चाई की भावना झलकनी चाहिए। यही कारण है कि पतंजलि का यह आयुर्वेदिक शरबत प्राकृतिक विधियों से तैयार किया जाता है, ताकि लोगों को प्योरिटी के साथ लाभ मिल सके।
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स्वास्थ्य के प्रति लाभ
गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने वाला और हर वर्ग के लिए उपयुक्त पतंजलि का यह गुलाब शरबत सेहत के साथ-साथ आत्मा को भी तृप्त करता है। इसे जल में मिलाकर या दूध के साथ मिलाकर पिया जा सकता है। यह शारीरिक गर्मी को शांत करता है और हृदय को राहत देता है। गर्मियों में यह शरबत पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है। पतंजलि का गुलाब शरबत कोई साधारण पेय नहीं है। कंपनी के इस विचार का अर्थ है शुद्धता, सेवा और सच्चाई। यह भारत की मिट्टी, फूलों की सुगंध और आयुर्वेद की आत्मा को जीवंत करता है।
पतंजलि का उद्देश्य
पतंजलि ब्रांड का उद्देश्य अपने उत्पादों की मदद से शुद्धता, सेवा और सच्चाई के भाव को देशवासियों के बीच उजागर करना है। गुलाब की प्राकृतिक खुशबू और ठंडक से भरपूर यह शरबत न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी होता है। कंपनी ने विश्वभर में अपने उत्पादों की बिक्री के जरिए अच्छी कमाई की है। कंपनी को मिले लाभ से देश की शिक्षा प्रणाली में भी विकास हुआ है। पिछले 3 सालों से इस उत्पाद ने खूब कमाई की है, जिसका अधिकांश हिस्सा देश के गरीब तबकों के बच्चों, कन्याओं और महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जाता है। पतंजलि द्वारा स्थापित गुरुकुलों और आधुनिक संस्थानों का विकास भी इसकी देन है।
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