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आदि कैलाश से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विश्व के शिवभक्तों को दिया योग का संदेश

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे देश द्वारा समस्त विश्व को दी गई 'योग' रूपी अमूल्य धरोहर से आज करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। आइए, इस अवसर पर हम सभी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शक्ति हेतु योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने एवं अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने का संकल्प लें।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Jun 21, 2024 18:52
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cm pushkar singh dhami yog
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया योग

Uttarakhand News: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समुद्रतल से करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश में योग कर पूरे विश्व के शिवभक्तों को आदि कैलाश दर्शन का निमंत्रण दिया। सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन से आज सीमांत के गांवों की तस्वीर बदल रही है। व्यास घाटी में आदि कैलाश, ॐ पर्वत, कैलाश दर्शन, काली मंदिर, व्यास गुफा आदि तीर्थ स्थलों के दर्शन को हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भगवान शिव की प्रवास स्थली में योग कर दुनिया के सैलानियों और तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश के साथ ही इस समूची व्यास घाटी की यात्रा का न्योता देने के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील भी की।

योग दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदि कैलाश में योग कर देश दुनिया के तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश, ॐ पर्वत और पार्वती सरोवर के दर्शन का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री का यह आह्वान मानसखण्ड मन्दिरमाला मिशन अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बीते वर्ष 12 अक्टूबर को पिथौरागढ़ जिले के एक दिवसीय दौरे पर आए थे। तब प्रधानमंत्री ने ज्योलिंगकोंग पहुंचकर आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन किए थे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने आदि कैलाश धाम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देने के साथ ही मानसखण्ड में धार्मिक पर्यटन को नई रफ्तार दी है।

यहां पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी बढोत्तरी हुई है। इन दिनों हर रोज एक हजार से लेकर डेढ़ हजार तक की संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री ॐ पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन को पहुंच रहे हैं। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या से अब यह भी स्पष्ट है कि आगामी कुछ वर्षों में ही पिथौरागढ़ का यह सीमांत क्षेत्र बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। है। इससे इस क्षेत्र के चतुर्दिक विकास और स्थानीय कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा।

पर्यटकों से गुलजार चीन बॉर्डर से सटे इलाके

पिथौरागढ़ के सीमांत इलाके इन दिनों देश दुनिया के सैलानियों से गुलजार हैं। आदि कैलाश, पार्वती सरोवर और ॐ पर्वत के दर्शन को हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री यात्री पहुंच रहे हैं। पिथौरागढ़ से लेकर ज्योलिंगकांग तक होटल और होम स्टे यात्रियों और पर्यटकों से पैक हैं। आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, गौरी कुंड, ओम पर्वत देखकर यात्री अभिभूत हैं। हर रोज बस, टैक्सी और निजी वाहनों से ही नहीं बल्कि दोपहिया वाहनों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री धारचूला पहुंच रहे हैं।

ऑनलाइन उपलब्ध है इनर लाइन परमिट

कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद होने से शिवभक्तों का आदि कैलाश यात्रा के प्रति रुझान बढ़ा है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन सरकार का वीजा लेना पड़ता है, जबकि आदि कैलाश के भारत की सीमा में ही होने से मात्र इनर लाइन परमिट पर ही यह यात्रा हो जाती है। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को इनरलाइन परमिट के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए आनलाइन परमिट की व्यवस्था की गई है।

यह है आदि कैलाश यात्रा का रूट

आदि कैलाश की यात्रा के लिए सबसे पहले टनकपुर या हल्द्वानी होकर पिथौरागढ़ पहुंचना होगा। दिल्ली से बस या ट्रेन से आप हल्द्वानी या टनकपुर पहुंच सकते हैं। इसके बाद पिथौरागढ़ की यात्रा बस या टैक्सी से तय कर सकते हैं। पिथौरागढ़ से धारचूला तक की 90 किमी की दूरी टैक्सी से तय करने के बाद आगे के सफर के लिए इनर लाइन परमिट लेना अनिवार्य है। धारचूला से आदि कैलाश पहुंचने के लिए 80 किमी का सफर तय करना होगा। इसके लिए धारचूला में टैक्सियां उपलब्ध हैं।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Jun 21, 2024 06:52 PM

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