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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

टेलीग्राम पर बेचे 4000 चाइल्ड पोर्न वीडियो! गोरखपुर का नाबालिग लड़का रैकेट में गिरफ्तार

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस ने गुरुवार को एक 17 साल के लड़के को चाइल्ड पोर्नोग्राफी की 4000 क्लिप बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी टेलीग्राम के जरिए हासिल की थी।

Author Edited By : Shabnaz Updated: Oct 18, 2024 07:44
Uttar Pradesh News

Uttar Pradesh: चाइल्ड पोर्नोग्राफी को रोकने के लिए सरकार ने सख्त कानून बनाए हैं। इसके बावजूद भी पोर्नोग्राफी की वीडियो धड़ल्ले से बिक रही हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 17 साल के एक लड़के को गिरफ्तार किया गया, उसने ऑनलाइन कई हजार पोर्न वीडियो बेचे थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसने इस काम के लिए अपना एक अकाउंट बना रखा था। इसी के जरिए वह बच्चों के अश्लील वीडियो बेचता था। इस पूरी खरीद फरोख्त में उसके साथ एक अन्य युवक भी शामिल था। इन दोनों की पहचान ऑनलाइन ही हुई थी।

बेच डाली 4000 चाइल्ड पोर्न वीडियो

पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने बताया कि लड़के को हर वीडियो की बिक्री पर 30 फीसद कमीशन मिलता था। ये वीडियो टेलीग्राम के जरिए मिलती थीं, जिसको राज नाम का एक सप्लायर भेजता था। गुरुवार को पुलिस ने लड़के को गिरफ्तार किया, इस दौरान उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। साइबर पुलिस विभाग को इस रैकेट की जानकारी किसी ने दी थी, जिसके बाद रेड मारी गई। लड़के ने पुलिस को बताया कि वह मेकोग्राम मोबाइल एप्लिकेशन और टेलीग्राम से ये वीडियो आगे तक पहुंचाता था।

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कितने रुपये में बिकती थी वीडियो?

पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि आरोपी हर वीडियो के 3000 रुपये लेता था। ऐसे एक वीडियो की कीमत 20000 रुपये तक होती थी । पैसे मिलने के बाद वह ज्यादातर रकम अपने सप्लायर राज को भेज दिया करता था। पुलिस के मुताबिक वही इस पूरे रैकेट का मुखिया है, उसकी तलाश की जा रही है। फिलहाल किशोर को बाल सुधार गृह भेजा दिया गया है।

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अपराध है चाइल्ड पोर्नोग्राफी

आपको बता दें कि सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर फैसला सुनाया था। इसमें कहा गया कि ऐसी सामग्री को जमा करना भी POCSO अधिनियम के तहत अपराध है। अपने फैसले में कोर्ट ने सुझाव दिया कि संसद को POCSO अधिनियम में संशोधन करते हुए एक कानून लाना चाहिए, जिसमें बाल पोर्नोग्राफी शब्द की जगह पर बाल यौन शोषण और अपमानजनक सामग्री शब्द का इस्तेमाल किया जाए।

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First published on: Oct 18, 2024 07:44 AM

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