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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

यूपी SIR में कुल 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे, एक करोड़ वोटर्स बनेंगे चुनाव आयोग की चुनौती

Uttar Pradesh SIR: उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के पूरे हुए पहले चरण में करीब 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम कट सकते हैं. इस बार नई वोटर लिस्ट में भारी फेरबदल के संकेत हैं. निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक 31 दिसंबर को जारी होने वाली ड्राफ्ट सूची में कुल नामों में से लगभग पौने 19 प्रतिशत नाम हटा दिए जाएंगे.

Author Edited By : Vijay Jain
Updated: Dec 26, 2025 23:45
Uttar Pradesh SIR

Uttar Pradesh SIR: उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट के SIR का पहला चरण पूरा हो गया है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सूची से कुल 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे हैं. यह कुल मतदाताओं का 18.70 प्रतिशत है. 31 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन होगा. जिन जिलों में सबसे अधिक नाम काटे गए उनमें लखनऊ, गाजियाबाद, प्रयागराज, कानपुर, आगरा और बरेली के नाम शामिल हैं. सूत्रों के अनुसार 1.26 करोड़ वोटर्स ऐसे हैं, जो यूपी से बाहर परमानेंट शिफ्ट हो चुके हैं. 45.95 लाख वोटर्स की मौत हो चुकी है. 23.32 लाख डुप्लीकेट हैं. 84.20 लाख लापता हैं और 9.37 लाख ने फॉर्म जमा नहीं किया है. इसके हिसाब से 31 दिसंबर को प्रकाशित होने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची में भारी फेरबदल के आसार दिखाई दे रहे हैं.

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मौजूदा वोटर सूची में कितने मतदाता?

उत्तरप्रदेश में मौजूदा वोटर सूची में करीब 15 करोड़ 44 लाख से अधिक वोटर्स के नाम हैं. विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का पहला चरण पूरा होने के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं, उनमें करीब 18.70 प्रतिशत मतदाताओं के नाम इस वोटर सूची से हटा दिए जाएंगे. इनमें से करीब 46 लाख वोटर्स की मौत हो चुकी है. करीब सवा करोड़ मतदाता उत्तरप्रदेश छोड़ बाहरी राज्यों में शिफ्ट हो चुके हैं. कुछ का नाम एक से अधिक जगह भी दर्ज मिला, उनके नाम भी काटे गए हैं.

चुनाव आयोग की चुनौती बनेंगे एक करोड़ वोटर्स

उत्तरप्रदेश की वोटर्स सूची के एक करोड़ 11 लाख मतदाता चुनाव आयोग के लिए चुनौती बनेंगे. SIR के पहले चरण में यह एक करोड़ 11 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनका पिछला रिकार्ड ही गायब है. 22 साल पुरानी वोटर लिस्ट में भी उन वोटर्स के नाम नहीं हैं. इन वोटर्स के पास अपनी पुरानी पहचान दर्ज करवाने के लिए कोई दस्तावेज नहीं हैं. चुनाव आयोग को शक है कि यह वोटर्स ऐसे हो सकते हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाया हो. ऐसे वोटर्स घुसपैठिया श्रेणी में आते हैं. अब ऐसे वोटर्स को चुनाव आयोग की ओर से नोटिस भेजकर दस्तावेज पेश करने को कहा जाएगा. दस्तावेज संतोषजनक मिले, तभी उनका नाम रहेगा, वरना हटा दिया जाएगा.

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First published on: Dec 26, 2025 11:44 PM

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