Noida News: भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखने और समझने की चाह रखने वालों के लिए खुशखबरी है। यमुना सिटी से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक फैले 35 किलोमीटर लंबे रास्ते को सांस्कृतिक झलकियों और आधुनिक सुविधाओं से तैयार किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) लेकर आ रहा है, जिससे क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत के सभी मशहूर स्थलों को एक जगह पर बनाया जाएगा।
क्या है यीडा का प्रोजेक्ट?
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण इसे करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाएगा। इसके लिए ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य इस रास्ते को केवल एयरपोर्ट तक पहुंचने का रास्ता न बनाकर, इसे भारतीय सांस्कृतिक और व्यावसायिक केंद्र भी बनाना है। इससे न सिर्फ पर्यटक आकर्षित होंगे, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक केंद्र बन जाएगा।
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सांस्कृतिक की झलक
इस ग्रीन कॉरिडोर में पारंपरिक भारत और आधुनिकता का मेल होगा। रास्ते के किनारों पर थीम आधारित जोन बनाए जाएंगे। इसमें रंग-बिरंगी लाइटिंग, जल कृतियां और फव्वारे शामिल होंगे, जिससे सफर का अनुभव एकदम अलग होगा। साथ ही ये भारत की विविधता को भी दर्शाएगा।
क्या-क्या देख सकेंगे?
इस रास्ते पर भारत की प्रसिद्ध ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों की कॉपी बनाई जाएगी। इनमें ताजमहल, राम मंदिर, कुतुब मीनार और चार धाम जैसे स्थल शामिल किए जाएंगे। स्थलों की यह कॉपी इस तरह से सजाई जाएंगी कि यात्री भारत के गौरवशाली अतीत और आध्यात्मिक विरासत की झलक देख सकें और उनके मन में ये विरासत छप जाए।
क्या मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस रूट को यात्रियों के लिए सुविधाजनक और आरामदायक बनाने के लिए भी कुछ काम किए जाएंगे। यहां पर जगह-जगह आराम करने के लिए जगह बनाई जाएंगी, खानपान का इंतजाम और मनोरंजन क्षेत्र भी विकसित किए जाएंगे। इन सुविधाओं के जरिए यात्री अपनी लंबी यात्रा के दौरान भी परेशान नहीं होंगे, बल्कि उनके पास भारत की संस्कृति को गहराई से समझने का पूरा मौका होगा।
क्षेत्र को मिलेगा फायदा
इस प्रोजेक्ट से न केवल एक अच्छी यात्रा रास्ता बनाया जा सकेगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र का विकास भी करेगा। इससे यह क्षेत्र पर्यटन स्थल के तौर पर स्थापित होगा। इस कॉरिडोर के जरिए स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी और नोएडा को एक वैश्विक शहर के रूप में नई पहचान भी मिलेगी।
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