Noida Cyber Crime News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा (Noida) में पुलिस ने बड़े साइबर फ्रॉड का भांडाफोड़ किया है। यहां पुलिस ने चाइनीज एप से लोगों को चूना लगाने वाले 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों का सेटअप और उनके काम करने का तरीका देखा तो उनके भी होश उड़ गए।
नोएडा के साइबर अपराध के डीसीपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि दो महीने पहले सेक्टर-63 थाने में एक शिकायत मिली थी। पुलिस ने इस शिकायत की जांच करना शुरू कर दिया। इसके बाद लोन ऐप के जरिए ठगे गए लोगों के बारे में और शिकायतें मिलने लगीं। लोगों ने बताया कि उनकी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
इन लोगों को किया गया गिरफ्तार
पुलिस सेक्टर-63 में कथित तौर पर पिछले दो महीनों से चल रहे एक कॉल सेंटर (मार्वल एंटरटेनमेंट) का पता लगाने में सफलता हासिल की। इसके बाद पुलिस ने नोएडा सेक्टर-137 निवासी पुनीत तुली, नोएडा सेक्टर-66 निवासी अफजल, दिल्ली के भजनपुरा निवासी जितेंद्र, नोएडा सेक्टर-62 निवासी नीरज, मेरठ निवासी शिवम, नोएडा सेक्टर-66 निवासी अजीम, नोएडा सेक्टर-66 निवासी आकाश श्रीवास्तव, गाजियाबाद निवासी सुमित व अरुण, नोएडा सेक्टर-63 निवासी सिद्धार्थ ओझा और दिल्ली के चौहान पट्टी निवासी रजनीश झा व भरत को गिरफ्तार किया है।
ये सामान हुआ बरामद
पुलिस ने इनके पास से 15 लैपटॉप, 36 डेस्कटॉप कंप्यूटर, 8 स्मार्टफोन, 32 पोर्ट सिस्टम वाले दो डायलर, 135 सिम कार्ड, 10 हेडफोन और 1.5 लाख रुपये नकद बरामद किए है। डीसीपी वर्मा ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि वे चीनी नागरिकों के संपर्क में रहते थे। ये उन्हें ऋण ऐप तक पहुंचाने का काम करते थे। इसके बाद नोएडा में गिरफ्तार आरोपी वसूली एजेंट का काम करते थे।
इसे फंसाते थे पीड़ितों को
मामले की जांच करने पर पुलिस के सामने आया कि ये आरोपी इस एप के जरिए बिना गारंटी के 4,000-5,000 रुपये के छोटे लोन दिलाने का लालच देते थे। पीड़ित के फोन में इस एप को डाउनलोड कराते थे। इसके बाद पीड़ित के फोन से उसका पर्सनल डेटा (फोन नंबर सूची और फोटो) चोरी कर लेते थे।
इतने करोड़ रुपये का लेन-देन मिला
आरोप है कि आरोपी तस्वीरों से छेड़छाड़ करते थे और फिर पीड़ितों को धमकाते थे। कहते थे कि अगर उन्होंने कर्ज की रकम का 10-20 गुना भुगतान नहीं दिया तो उनकी फोन नंबर सूची में मौजूद दोस्तों और परिवार के लोगों को ये फोटो भेज देंगे। पुलिस के मुताबिक प्रत्येक कंप्यूटर में 12-13 लाख रुपये से ज्यादा के लेन-देन का डेटा बरामद किया है। पुलिस के अनुसार गिरोह ने अब तक करीब 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी की है।