Noida News: पिछले एक सप्ताह में लगातार दो बार आए भूकंप (Earthquake) के झटकों ने सभी का दिलो-दिमाग हिला दिया है। ये भूकंप मामूली नहीं, बल्कि रिक्टर स्केल पर काफी दमदार बताए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स और नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलोजी (National Center for Seismology) के मुताबिक 6.3 तीव्रता तक के झटके महसूस किए गए हैं। इसी बीच नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में हाईराइज बिल्डिंग्स के स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी का मुद्दा उठा है, क्योंकि इससे करोड़ों लोगों की जिंदगियां जुड़ी हुई हैं।
बोर्ड के 15 मुद्दों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा
जानकारी के मुताबिक शनिवार को नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक हुई। इसमें औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार और नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी समेत बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में कुल 15 मुद्दों के प्रस्ताव रखे गए। इन प्रस्तावों में से एक मुद्दा शहर में नई डॉग पॉलिसी को लागू करना भी था, लेकिन सामाजिक सरोकार से जुड़ा मुद्दा देखें तो वह हाईराइज बिल्डिंग्स के स्ट्रक्चरल ऑडिट का था। इसे सुनकर प्राधिकरण के भी कान खड़े हो गए हैं, क्योंकि दिल्ली-एनसीआर में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं।
Structural audit policy of high rise buildings , stray/ pet dog policy and heliport RFP approved by board in today’s board meeting pic.twitter.com/1CtpIN2HmD
— CEO, NOIDA Authority (@CeoNoida) November 12, 2022
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मंजूरी देने के साथ-साथ तय किए नियम
प्रस्ताव आने के बाद नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डिंग सेफ्टी गाइडलाइंस को मंजूरी दी है। साथ ही तय किया है कि ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट जारी करने से पहले कोई एक्सपर्ट एजेंसी बिल्डिंग की स्ट्रक्चर सेफ्टी की जांच करेगी। बिल्डिंग की सेफ्टी के लिए स्टेकहोल्डर्स पर जिम्मेदारी तय करेगी। इसके अलावा अपार्टमेंट मालिकों ने सुरक्षा की खातिर पुरानी इमारतों के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट की भी मांग की है।
इस तरह होगी पूरी प्रक्रिया
सीईओ माहेश्वरी का कहना है कि अगर 25% से अधिक आवंटी सुरक्षा ऑडिट की मांग करते हैं, तो इसके लिए एक विशेषज्ञ एजेंसी को शामिल किया जाएगा। अगर बिल्डिंग पांच साल से कम पुरानी है तो ऑडिट और रिपेयरिंग का खर्च बिल्डर ही उठाएगा। यदि इमारत पांच वर्ष से अधिक पुरानी है, तो अपार्टमेंट मालिकों का संघ स्ट्रक्चरल ऑडिट के खर्च का वहन करेगा। बता दें कि बोर्ड की 207वीं बैठक में होमवायर्स ने आरोप लगाया था कि कई बिल्डर और डेवलपर्स घटिया समाग्री का इस्तेमाल कर रहे हैं और लगातार भूकंप भी आ रहे हैं।
क्यों जरूरी है स्ट्रक्चरल ऑडिट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्ट्रक्चरल ऑडिट में इमारत की गुणवत्ता को देखा जाता है। सुरक्षा के हर पहलू की जड़ में जाया जाता है। इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बिंदू यह है कि भूकंप समेत अन्य कम्पन को झेलने की क्षमता देखी जाती है। बता दें कि पिछले दिनों सुपरटेक के ट्विन टावर (सियान और एपेक्स) को गिराने से पहले एजेसियों द्वारा आसपास की इमारतों के स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग की गई थी, क्योंकि ट्विन टावर को गिराने के लिए किए जाने वाले धमाकों से भारी कम्पन पैदा होने की आशंका थी।
Earthquake of Magnitude:5.4, Occurred on 12-11-2022, 19:57:06 IST, Lat: 29.28 & Long: 81.20, Depth: 10 Km ,Location: Nepal, for more information Download the BhooKamp App https://t.co/4wntmaWERI @ndmaindia @Indiametdept @Ravi_MoES @OfficeOfDrJS @Dr_Mishra1966 @PMOIndia pic.twitter.com/eyQE1HMb5Z
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) November 12, 2022
एक सप्ताह में दो बार भूकंप के झटके
8 नवंबर की रात को 8.52 बजे दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 नापी गई थी। इसका केंद्र नेपाल में उत्तराखंड सीमा के पास करीब 10 किमी जमीन के अंदर बताया गया था। लोग अभी डर से बाहर नहीं निकले थे कि तभी 11.57 बजे फिर से भूकंप के झटके महसूस हुए। इसके बाद उसी रात 1.57 बजे तीसरी बार भूकंप आया। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.3 रही। इस भूकंप को लोगों ने स्पष्ट तौर पर मदसूस किया। अब शनिवार रात को फिर से दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस हुए हैं।