Former DGP Sulkhan Singh formed New political party (मनोज पांडे): यूपी के पूर्व डीजीपी और रिटायर IPS अधिकारी सुलखान सिंह ने बुंदेलखंड लोकतांत्रिक पार्टी का गठन कर अपनी राजनीतिक पारी का ऐलान कर दिया है। इसके बाद सत्ता और अफसरशाही के गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि जमीन पर उनका यह ऐलान राजनीतिक सफलता के किस मुकाम तक पहुंचेगा। क्योंकि यूपी में अभी तक अफसरशाही के राजनीतिक राह पकड़ने के मामलों में सफलता-असफलता के परिणाम मिले-जुले ही सामने आए हैं, जिन अफसरों ने खुद का दल बनाकर या छोटे-मोटे दलों के सहारे राजनीति को चमकाने की कोशिश की, उनमें से ज्यादातर नाकाम ही रहे। हालांकि, कुछ ऐसे भी अफशर रहे हैं जिन्होंने बड़े पार्टियों के सहारे राजनीति में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं।
इन नौकरशाहों का राजनीति में नहीं चला सिक्का
पूर्व आईएएस विजय शंकर पांडे हो या अमिताभ ठाकुर बाबा हरदेव रहे हों या फिर चंद्रपाल रहे हो या शैलेंद्र सिंह और एस आर दारापुरी यह ऐसे नाम है जिन्होंने नौकरशाही में तो बहुत नाम कमाया लेकिन सियासत में जब अपना दल बनाया तो फेल हो गए। आंकड़ों के मुताबिक यूपी में अब तक जिन नौकरशाहों ने अपनी पार्टी बनाकर राजनीति में नाम कमाना चाहा है उनमें से ज्यादातर असफल रहे हैं।
राजनीति में सफल रहे ये अफसर
उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे सरकारी अफसर भी रहे हैं, जो राजनीति में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं। इसमें मायावती के खास रहे पीएल पुनिया का नाम पहले नाम पर आता है। इसी तरह मायावती के ही दूसरे खास अफसर बृजलाल वर्तमान में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सांसद हैं। वे उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बीएसपी (BSP) से राजनीतिक पारी की शुरुआत किया था और वर्तमान में वह भाजपा के सदस्य हैं। इन सब के अलावा योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री असीम अरुण से लेकर राजेश्वर सिंह भी राजनीति में सफल पारी खेल रहे हैं।
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अब, सभी का ध्यान पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह पर है। उन्होंने बुंदेलखंड लोकतांत्रिक पार्टी (Bundelkhand Democratic Party) का गठन कर अपनी राजनीतिक पारी का ऐलान कर दिया है। अब आने वाले समय में ही पता चलेगा कि सुलखान सिंह राजनीति में सफल होंगे या असफल।