कानपुर (प्रांजुल मिश्रा): उत्तर प्रदेश सरकार वर्तमान में सभी जिलों में यातायात माह चल रहा है। इसी क्रम में कानपुर देहात इलाके में अधिकारी आम जनता को यातायात के नियमों का पाठ पढ़ा रहे हैं, लेकिन खुद इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि यातायात नियमों का जमकर उल्लंघन करने में लगे हुए हैं। इससे आम जनमानस में रोष दिख रहा है। जिले में देखा जा रहा है कि अधिकारी अपनी गाड़ियों के शीशों पर काली फिल्में, हूटर और लाल-नीली बत्ती लगाकर चल रहे है।
सामान्य तौर पर आम आदमी जब यातायात के किसी नियम को तोड़ता तो ट्रैफिक पुलिस उसके खिलाफ चालान की कार्रवाई करती है। लेकिन अब सवाल उठता है कि ये अधिकारी नियम तोड़ें तो कौन कार्रवाई करे। जिले के एआरटीओ भी मानते है कि लाल-नीली बत्ती और हूटर लगाने का अधिकार सिर्फ पुलिस के पास है। बावजूद इसके इन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
सरकार ने खत्म कर दिया है वीआईपी कल्चर
बता दें कि प्रदेश में योगी सरकार आते ही वीआईपी कल्चर को खत्म कर दिया था। अधिकारियों की गाड़ियों पर लगने वाली लाल-नीली बत्ती और हूटर पर रोक लगा दी गई थी। इस नियम का उद्देश्य सभी को एक समान करना था। लाल-नीली बत्ती और हूटर लगने के लिए पुलिस, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस को अनुमति दी गई थी। लेकिन इस आदेश के विपरित कानपुर देहात में डीएम, सीडीओ, एडीएम और एसडीएम से लेकर सभी विभागों के अधिकारी अपनी गाड़ियों पर इन्हें लगाकर घूम रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक जिला की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) सौम्या पांडे जिस गाड़ी से चलती हैं, वो सरकारी गाड़ी नहीं, बल्कि एक प्राइवेट इनोवा गाड़ी है। बताते हैं कि इस गाड़ी पर लाल-नीली बत्ती के साथ-साथ शीशों पर काली फिल्म तक लगी है। इस बारे में जिले के परिवहन विभाग तक को जानकारी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
जनता और अधिकारियों में भेदभाव का आरोप
कानपुर देहात के स्थानीय लोगों ने बताया कि सभी नियम-कानून जनता के लिए होते हैं। आम आदमी यातायात नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ चालान काटकर कार्रवाई की जाती है। मगर अधिकारी नियमों का उल्लंघन करें तो कोई देखता तक नहीं तक नहीं है।
जिले के एआरटीओ अभिषेक कनौजिया से पूछा गया कि क्या लाल-नीली बत्ती, हूटर और काली फिल्म लगाकर जो अधिकारी चल रहे है, वो इसके हकदार है? तो उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग को ही इन्हें लगाने का आदेश है। बाकी जो लोग लगाकर चल रहे है, वह गलत है। ऐसे अधिकारियों से बात करके इन्हें हटावाया जाएगा।