Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम बढ़ सकते हैं। इस बार बिजली की दरों में 30 प्रतिशत तक इजाफा हो सकता है। बताया जा रहा है कि बिजली कंपनियों ने भारी-भरकम घाटे को देखते हुए विद्युत नियामक आयोग के समक्ष यह प्रस्ताव रखा है।
बिजली तो 45 प्रतिशत तक सस्ती होनी चाहिए
वहीं उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध जताया है। उनका कहना है कि बिजली तो 45 प्रतिशत तक सस्ती होनी चाहिए। ऐसे में बिजली दरों में बढ़ोतरी करना उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ाना है। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि बिजली मंहगी करने के लिए कंपनियों ने मनगढ़ंत आकड़े नियामक आयोग में पेश किए हैं। ऐसे में कंपनियों के संशोधित एआरआर को खारिज कर आयोग बिजली की दर घटाए ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिले।
नोएडा पावर कंपनी का दिया हवाला
कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस का हवाला देते हुए परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में लोक महत्व प्रस्ताव दाखिल कर बिजली की दरें घटाने की मांग की है। परिषद का कहना है कि वह बिजली दरों को 45 प्रतिशत तक घटाने की मांग कर रहे हैं। परिषद अध्यक्ष का कहना है कि जब सरप्लस निकलने से नोएडा पावर कंपनी की बिजली 3 वर्षों से 10 प्रतिशत सस्ती है तब फिर अन्य कंपनियों के उपभोक्ताओं की बिजली दर भी भारी-भरकम सरप्लस के चलते घटाई जाए।
बिजली कंपनियों ने बताया भारी-भरकम घाटा
चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सोमवार को बिजली कंपनियों द्वारा विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किए गए संशोधित एआरआर में मौजूदा दरों से 19,600 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान लगाया गया है। घाटे की भरपाई के लिए कंपनियों का कहना है कि वर्तमान बिजली दर में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाए।
कंपनियों के संशोधित एआरआर हो खारिज
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जानी चाहिए। कंपनियों की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कंपनियों के संशोधित एआरआर को खारिज कर आयोग बिजली की दर घटाए ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिले।