Uttar Pradesh News in Hindi: नोएडा। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा (Noida) में एक निजी अस्पताल के पांच डॉक्टरों पर कोविड मरीज के इलाज में लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है। बताया गया है कि इसके कारण वर्ष 2021 में कोरोना की दूसरी लहर में कथित तौर पर उसकी मौत हो गई थी। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।
मुकदमे के अनुसार मरीज के परिवार ने बताया है कि उनके 20 वर्षीय मरीज कोरोना से संक्रमित हुआ था। उन्होंने दावा किया था कि डॉक्टर के लिखे हुए पर्चे के आधार पर खरीदने के बावजूद अस्पताल में समय पर रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं दिया गया था।
डिप्टी CMO ने की थी मामले की जांच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गौतमबौद्ध नगर के उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. टीकम सिंह की शिकायत पर यथार्थ अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत नोएडा के थाना फेज-2 में मुकदमा दर्ज कराया गया है। डॉ. टीकम सिंह ने इस मामले में जांच समिति का नेतृत्व किया था। जांच में गाजियाबाद के परिवार की और से की गई शिकायत और आरोपों की जांच की गई थी।
अस्पताल की ओर से आया ये बयान
हालांकि यथार्थ अस्पताल के प्रबंध निदेशक कपिल त्यागी ने दावा किया कि आरोप गलत थे। उन्होंने बताया कि मरीज को हमारे अस्पताल में गंभीर स्थिति में लाया गया था। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है, आधे घंटे की भी देरी होती तो मरीज बच नहीं पाता। लेकिन यहां उसकी हालत में सुधार होने लगा और करीब 35 दिनों के बाद परिजन उसे दिल्ली के किसी अस्पताल में ले गए।
अब पुलिस कर रही मामले की जांच
अस्पताल के प्रबंध निदेशक त्यागी ने रेमेडिसविर इंजेक्शन नहीं के आरोप पर उन्होंने कहा कि कई शोध रिपोर्टें हैं, जिनमें दिखाया गया है कि रेमेडिसविर का कोरोनावायरस के इलाज में कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। हम समझते हैं कि परिवार ने एक बच्चा खो दिया है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। थाना फेस 2 प्रभारी परमहंस तिवारी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।