Uttar pradesh BJP President election: उत्तरप्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने की रेस में तीन नई एंट्री के बाद नौ दावेदारों के नाम सामने आए हैं. नए दावेदारों में उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या, एक और मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री साधवी निरंजन ज्योति का नाम सामने आया है. इससे पहले धर्मपाल सिंह, बीएल वर्मा, विद्या सागर सोनकर और ब्राह्मणों मे हरिश द्विवेदी और दिनेश शर्मा के नाम की चर्चा थी. बीते दिनों लखनऊ में हुई बैठक में चर्चा हुई थी कि किसी ब्राह्मण या दलित नेता को प्रदेश BJP अध्यक्ष बनाया जा सकता है. अंदरखाते यह भी चर्चा है कि ओबीसी समुदाय के नेता को कमान सौंपी जा सकती है. बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के अलावा पंचायत चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई है.
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उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष की रेस मे संभावित नाम
- केशव प्रसाद मौर्या: उत्तर प्रदेश सरकार में केशव प्रसाद मौर्या डिप्टी सीएम हैं. प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. संगठन से जुड़े अहम व्यक्ति हैं और इनकी पिछड़े वर्ग मे खासी पैठ मानी जाती है. सबसे महत्वपूर्ण पिछला विधामसभा चुनाव हारने के बाद भी डिप्टी सीएम बनाये गये. अमित शाह और पीएम मोदी के विश्वास पात्र हैं.
- स्वतंत्र देव सिंह: योगी सरकार में स्वतंत्र देव सिंह सिंचाई मंत्री हैं. प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. संगठन के कामकाज में माहिर हैं. योगी के खासमखास माने जाते हैं.
- धर्मपाल सिंह: योगी सरकार में धर्मपाल सिंह कैबिनेट मंत्री हैं. ओबीसी समुदाय से जुड़ी लोध बिरादरी से आते हैं. कल्याण सिंह के बाद लोध के बड़े नेता हैं.
- केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा: केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा पार्टी आलाकमान के खास माने ,लोध बिरादरी से हैँ.अमित शाह के करीबी है. रुहेल खंड के बड़े नेताओं मे नाम है.
- साधवी निरंजन ज्योति: साधवी निरंजन ज्योति राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रहीं. संगठन में अहम पदों पर रहीं. प्रदेश उपाध्यक्ष रहीं, केंद्रीय मंत्री रहीं. बुंदेल खंड से ताल्लुख रखती हैं.
- सांसद दिनेश शर्मा: राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा पहले उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और उनके आरएसएस के साथ पहले से अच्छे संबंध रहे हैं. पीएम मोदी का भरोसा भी हासिल है.
- हरीश द्विवेदी: ब्राह्मण चेहरे हरीश द्विवेदी भी दिनेश शर्मा के बाद बड़े दावेदार हैं. संगठन और सरकार में काफी अनुभव हैं. बस्ती जिले के सांसद रह चुके हैं. भाजपा और संघ के साथ मजबूत संबंध रहे हैं.
- विद्या सागर सोनकर: विधानपरिषद सदस्य बनने से पहले सोनकर विद्या सागर जौनपुर के जिलाअध्यक्ष, प्रदेश बीजेपी कार्यसमिति के मेंबर के अलावा एससी मोर्चे के अध्यक्ष भी रहे हैं.
- रामशंकर कठेरिया: पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया आगरा से लगातार दो बार और एक बार इटावा से लोकसभा चुनाव जीते थे. उत्तरप्रदेश के प्रमुख दलित चेहरे हैं.
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