UP News: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को मथुरा स्थित शाही ईदगाह ट्रस्ट और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिकाओं का निस्तारण किया। हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए मथुरा के जिला जज से सिविल जज के फैसले के खिलाफ नए सिरे से सुनवाई कर आदेश पारित करने को कहा है। एक तरह से कह सकते हैं कि हाईकोर्ट ने याचिकाओं को वापस कर दिया है।
1 मई की तारीख तय की थी
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट कोर्ट के जस्टिस प्रकाश पडिया ने कहा कि सभी पक्षों को मथुरा के जिला जज के सामने नए सिरे से अपनी दलील पेश करनी होगी। बताया गया है कि हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। 24 अप्रैल को यह फैसला सुनाया जाने वाला था, लेकिन फिर मामले की तारीख 1 मई तय कर दी गई थी।
24 सितंबर 2020 को दाखिल की थी याचिका
जानकारी के मुताबिक यह विवाद वर्ष 2020 में 24 सितंबर का है। अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और छह अन्य ने 17वीं शताब्दी की शाही ईदगाह मस्जिद को उस परिसर से हटाने के लिए निचली अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे वह कटरा केशव देव मंदिर परिसर (श्रीकृष्ण जन्मभूमि) होने का दावा करते हैं। वर्तमान में शादी ईदगाह और श्रीकृष्ण जन्मभूमि पास-पास ही हैं।
याचिका में किया गया था ये दावा
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की 13.37 एकड़ भूमि के एक हिस्से पर किया गया है। उन्होंने मांग की थी कि मस्जिद को हटा दिया जाए और जमीन ट्रस्ट को लौटा दी जाए। हालांकि, सिविल जज सीनियर डिवीजन ने 30 सितंबर, 2020 को इस मुकदमे को गैर-स्वीकार्य मानते हुए खारिज कर दिया था।