UP News: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी स्वाति सिंह का शादी के 22 साल बाद तलाक हो गया है। स्वाति सिंह भी प्रदेश सरकार में मंत्री पद पर रह चुकी हैं। स्वाति ने वर्ष 2012 में कोर्ट में अपनी अर्जी दायर की थी। अब लखनऊ के अपर प्रधान न्यायाधीश देवेंद्र नाथ ने तलाक की अर्जी पर अपना फैसला सुना दिया है।
एक बार खारिज हुई अर्जी, दोबारा केस शुरू कराया
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री स्वाति सिंह ने वर्ष 2012 में लखनऊ की एक कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की थी। बताया गया है कि कोर्ट ने उनकी गैरहाजिरी के कारण इस अर्जी को खारिज कर दिया था। इसके बाद स्वाति सिंह ने मार्च 2022 में दोबारा अर्जी देकर केस को शुरू करने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई। इसके बाद मामले में सुनवाई का दौर शुरू हुआ।
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यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री दयाशंकर सिंह और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह का हुआ तलाक, 22 साल बाद टूटा रिश्ता #Dayashankarsingh #SwatiSingh pic.twitter.com/vfsclD1F0t
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छात्र जीवन से दोनों ने शुरू की राजनीति
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह विद्यार्थी परिषद के दिनों से साथ थे। दोनों ने करीब-करीब एक साथ ही राजनीति में कदम रखा और अपने करियर की शुरुआत की। रिश्ते के शुरुआती दिनों की बात करें तो स्वाति सिंह उस वक्त इलाहाबाद से प्रबंधन की पढ़ाई कर रही थीं, तो वहीं दयाशंकर सिंह लखनऊ यूनिवर्सिटी में सक्रिय छात्र नेता थे। विश्वविद्यालयों के कार्यक्रमों में दोनों का मिलना होता था।
18 मई 2001 को हुई थी दोनों की शादी
बताया जाता है कि इसी तरह से दोनों में नजदीकियां बढ़ने लगीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 18 मई 2001 को स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह ने शादी कर ली। इसके बाद स्वाति सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएचडी की पढ़ाई शुरू कर दी। स्वाति सिंह और दयाशंकर सिंह यूपी के बलिया जिले के रहने वाले हैं। मई 2001 में शादी के बाद दोनों के एक बेटा और एक बेटी भी हुई।
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2012 में कोर्ट में दाखिल की तलाक की अर्जी
काफी समय तक सब कुछ रहा, लेकिन बाद में धीरे-धीरे दोनों के रिश्तों में दूरियां आने लगीं। कहा जाता है कि उस वक्त छात्र राजनीति में दोनों को भाई-भाभी के नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि दोनों के बीच ददारें इतनी बढ़ गईं कि वर्ष 2012 में बात तलाक तक आ पहुंची।