UP News: उत्तर प्रदेश (UP News) के प्रयागराज (Prayagraj) जिले पर इस वक्त सभी की नजर है, क्योंकि कुछ ही देर में (27 मार्च) माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसका भाई अशरफ यहां पहुंचने वाले हैं। लिहाजा प्रयागराज जेल के अधिकारी दोनों हाई-प्रोफाइल कैदियों को रखने की तैयारियां पूरी करने में जुटे हैं। उत्तर प्रदेश के डीजी जेल खुद इन व्यवस्थाओं का अपडेट ले रहे हैं।
लखनऊ कंट्रोल रूम से होगी निगरानी
एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि माफिया अतीक अहमद पर चौबीसों घंटे नजर रखने के लिए विशेष बैरकों में एक हाई सिक्योरिटी सेल में रखा जाएगा। इसके अलावा अतीक की बैरक के पास तैनात सुरक्षा कर्मियों के पास बॉडी वियर कैमरे होंगे। वहीं बैरक के आसपास वाले जेल के पूरे परिसर को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया है। अधिकारियों की मानें तो लखनऊ में कंट्रोल रूप से उस पर नजर रखी जाएगा।
इन पुलिस वालों को दी गई तैनाती
हालांकि एक मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अतीक अहमद और अशरफ की बैरक के पास तैनात किए जाने वाले पुलिस कर्मियों को उनके पुराने रिकॉर्ड खंगालने के बाद भेजा गया है। यानी साफ है शासन, प्रशासन और पुलिस अब किसी भी तरह की कोई चूक नहीं करना चाहता है। इस मामले डीजी जेल आनंद कुमार का पहले ही बयान सामने आ चुका है।
28 मार्च को एक अपहरण मामले में होनी है पेशी
जानकारी के मुताबिक अतीक अहमद को अपहरण के एक मामले में फैसले के लिए 28 मार्च को प्रयागराज की एक अदालत में पेश किया जाना है। उधर अतीक के भाई अशरफ को भी इसी मामले में कोर्ट में पेशी के लिए बरेली से प्रयागराज लाया जा रहा है। 100 से ज्यादा आपराधिक मामलों में आरोपी अतीक अहमद ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि यूपी पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मारने की योजना बनाई। उसे कोर्ट में पेशी के बहाने से लाया जा सकता है।
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अतीक और अशरफ ने जताई थी हत्या की आशंका
उधर रविवार को साबलमती जेल से निकलते वक्त अतीक अहमद ने मीडिया से कहा था कि मैं उनका (सरकार) कार्यक्रम जानता हूं … वे मेरी हत्या करना चाहते हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश की एक जेल में बंद रहते हुए अतीक पर एक रियल एस्टेट कारोबारी का अपहरण कराकर जेल में लाने और उसे पीटने का आरोप है। इस मामले में अतीक का भाई अशरफ भी आरोपी है। बताया जाता है कि इसी मामले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश पर अतीक को जून 2019 में साबरमती जेल में शिफ्ट किया गया था।
24 फरवरी को हुआ था उमेश पाल हत्याकांड
कुछ समय शांत रहने के बाद अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ फिर से सुर्खियों में आ गए। प्रयागराज के बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को उनके घर के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद विपक्ष समेत अन्य लोगों ने प्रदेश की कानूनव्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। इस मामले में भी अतीक के परिवार को आरोपी बनाया गया था।